मराठा क्रांति मोर्चा के संयोजक मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 14 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं|उन्हें प्रदेश भर से समर्थन मिल रहा है| आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष राज्य सरकार को हर संभव फंसाने की कोशिश कर रहा है| ऐसे में मराठा आरक्षण की दरार को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है| इस बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत की| इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, हम मराठा समुदाय को आरक्षण देना चाहते हैं, लेकिन हमारी राय है कि इसे कानून के दायरे में ही रहना चाहिए|’
मुख्यमंत्री ने कहा, मराठा समुदाय को आरक्षण देते समय सबसे पहले उनका सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन साबित करना जरूरी है| यह हमारा पहला काम होगा और हम इसे प्राथमिकता दे रहे हैं| इसके लिए एक समर्पित समिति नियुक्त की गई है। इस कमेटी में लोग काम कर रहे हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा| इस संबंध में निर्णय लेने के लिए सरकार को कुछ समय दिया जाना चाहिए। मैंने मनोज जारांगे पाटिल से कुछ समय देने का अनुरोध किया है|
एकनाथ शिंदे ने कहा, हमारी सरकार पूरी तरह मराठा समुदाय के पक्ष में है| मराठा समाज आरक्षण चाहता है, लेकिन हम किसी को धोखा नहीं दे सकते| यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि हमारा निर्णय कानून के दायरे में रहे।’ इसे लेकर हम सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाएंगे| हम यह साबित करने के लिए काम कर रहे हैं कि मराठा समुदाय सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है। सरकार का रुख है कि हम जो आरक्षण देते हैं वह कोर्ट के दायरे में रहना चाहिए|
मराठा समुदाय को आरक्षण देते समय एकनाथ शिंदे ने कहा, ओबीसी आरक्षण की तरह अन्य समुदाय भी हैं, हम उनका आरक्षण कम किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देना चाहते हैं, यह हमारी स्थिति है। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि हमारे द्वारा दिए जाने वाले आरक्षण में कोई गड़बड़ी न हो। आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है| कहा गया है कि इस बैठक में सभी लोग सुझाव दें| ऐसे में मैं विपक्ष से सहयोग की भूमिका निभाने की अपील कर रहा हूं|
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