मुख्यमंत्री योगी का कांवड़ियों के मार्ग में आने वाले दुकानदारों को सख्त निर्देश!

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा को लेकर लगातार दिशा निर्देश दे रहे हैं। इस बीच दुकानदारों को असली नाम के साथ दुकान चलाने की हिदायत दी गई है।

मुख्यमंत्री योगी का कांवड़ियों के मार्ग में आने वाले दुकानदारों को सख्त निर्देश!

Strict-instructions-to-shopkeepers-coming-in-the-way-of-Kanwadis

कावड़ यात्रा शिव के भक्तों की एक वार्षिक तीर्थ यात्रा है। जो लोग उत्तराखंड के हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री आदि जैसे हिंदू तीर्थ स्थानों में गंगा नदी से पवित्र जल को लाकर महादेव को अर्पित करते हैं उन्हें कावड़ियों के रूप में जाना जाता है। यह त्योहार मानसून माह श्रावण जुलाई-अगस्त के दौरान चलता है। बता दें कि जबसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रूप में योगी आदित्य ने कमान संभाली है|इसके बाद कावड़ यात्रा और कावड़ियों को शासन और प्रशासन की ओर उनकी व्यवस्था को काफी सुदृढ़ बनाया गया है| 

वही, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा को लेकर लगातार दिशा निर्देश दे रहे हैं। इस बीच दुकानदारों को असली नाम के साथ दुकान चलाने की हिदायत दी गई है।उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए तैयारियां पूरी कर ली है।सीएम योगी आदित्यनाथ खुद तैयारियों को लेकर लगातार दिशा निर्देश दे रहे हैं। 

गौरतलब है कि यात्रा प्रारंभ करने से पूर्ण होने तक का सफर पैदल ही तय किया जाता है।इसके पूर्व व पश्चात का सफर वाहन आदि से तय जा सकता है।इसके नियम थोड़े जटिल माने जाते हैं।कुछ लोग पूरी यात्रा नंगे पाव करते हैं। कावड़ यात्रा के दौरान कांवड़िया अपनी कावड़ को जमीन पर नहीं रख सकता। इसके अलावा बिना नहाए हुए कावड़ छूना पूरी तरह से वर्जित है। कावड़ यात्रा के दौरान कावड़िया मांस, मदिरा या किसी प्रकार का तामसिक भोजन को ग्रहण करना पूर्णतः वर्जित माना गया है।

इस मामले पर हिंदू पक्ष का कहना है कि आरोप है कि कुछ मुस्लिम पहचान छिपाकर कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकान चलाते हैं। दुकान का नाम हिंदू देवी-देवताओं पर रखते हैं। नाम की वजह से कांवड़ियों को गलतफहमी होती है। कांवड़िए किसी भी होटल या ढाबे या ठेले पर खाना खा लेते हैं। लेकिन अब जब दुकानों पर नाम लिखा रहेगा तो कंफ्यूजन नहीं होगा। विवाद भी नहीं होगा। बता दें कि प्रशासन के आदेश के बाद दुकानों, ठेलों और होटलों के बाहर बड़े शब्दों में नाम लिखना शुरू किया जा चुका है।

यह भी पढ़ें-

वैश्विक मंच पर समर्थन में आया रूस, कहा, राष्ट्रहित की सुरक्षा के लिए स्वतंत्र है भारत!

Exit mobile version