प्रेशर पॉलिटिक्स: आप को बढ़त! अध्यादेश पर केजरीवाल का समर्थन करेगी कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अध्यादेश को लेकर हमारा रुख साफ है। हम दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश का संसद में विरोध करेगी।    

प्रेशर पॉलिटिक्स: आप को बढ़त! अध्यादेश पर केजरीवाल का समर्थन करेगी कांग्रेस

कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत दी है। कांग्रेस केंद्र द्वारा लाये गए अध्यादेश का विरोध करने का ऐलान करेगी। पिछले कुछ समय से आप और कांग्रेस में अध्यादेश को वाकयुद्ध जारी था। रविवार को कांग्रेस नेता और महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस संबंध में कहा कि अध्यादेश को लेकर हमारा रुख साफ है। हम दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश का संसद में विरोध करेगी। आप पार्टी का यह दबाव पॉलिटिक्स थी जिसमें वह बढ़त बना ली है। एक तरह से देखा जाए तो कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव से पहले दबाव उसके लिए घातक है।

आम आदमी पार्टी के सामने झुकना: गौरतलब है कि, लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी के सामने झुकना यह माना जा रहा है कि यह निर्णय पार्टी ने बढ़ा सोचसमझकर लिया है। आप के सामने हथियार डालना यह साफ हो गया कि आगे भी कांग्रेस अन्य पार्टियों के साथ समझौता करती नजर आ सकती है। कांग्रेस नेता और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 23 जून को पटना में होने वाली विपक्ष की से पहले कहा था कि इस  मुद्दे पर बाहर बहस नहीं हो सकती है। कांग्रेस इस मुद्दे पर बातचीत कर निर्णय लेगी।

24 पार्टियों के शामिल होने की बात: केजरीवाल ने पटना में हुई विपक्ष की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था जिस पर नोंकझोंक भी हुई थी। हालांकि, अब कांग्रेस इस बात को सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी। कांग्रेस ने यह ऐलान बेंगलुरु बैठक से पहले लिया गया है। बेंगलुरु बैठक से पहले सोनिया गांधी ने अपने आवास पर विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है। जिसमें 24 पार्टियों के शामिल होने की बात कही जा रही है। यह बैठक सोनिया गांधी ने बुलाई है। बता दें कि इस बैठक में शामिल होने के लिए आप को भी फोन किया गया है। इससे साफ हो चुका है कि सोनिया गांधी सहित कांग्रेस सभी नेता आप को विपक्ष के साथ लाने  का मन बनाया होगा तभी पार्टी ने अध्यादेश पर केजरीवाल का समर्थन देने का ऐलान किया है।

प्रदेश इकाइयों में कलह हो सकती है: इस ऐलान से पंजाब, दिल्ली और अन्य राज्यों में कांग्रेस इकाइयां विरोध जता सकती हैं। क्योंकि पंजाब और दिल्ली इकाई अरविंद केजरीवाल को किसी तरह का समर्थन नहीं देने का कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व कह चुका है। अगर प्रदेश इकाई के विरोध के बावजूद आप कांग्रेस ने समर्थन किया है तो प्रदेश इकाइयों में कलह हो सकती है। इससे आगे चलकर कांग्रेस को ममता बनर्जी के सामने भी बंगाल में सीट बंटवारे पर झुकना पद सकता है क्योकि टीएमसी लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस के साथ सीट शेयर करने से इंकार कर चुकी है।

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