जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए इस्लामी आतंकी हमले पर अपने विवादित बयान से कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार पलट गए हैं। वडेट्टीवार ने कहा कि आतंकवादियों ने पर्यटकों से धर्म पूछकर उन्हें इसलिए मारा ताकि भारत में दो धर्मों के बीच विवाद पैदा किया जा सके और देश को नुकसान पहुंचाया जा सके।
इससे पहले, वडेट्टीवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि “आतंकियों के पास इतना समय नहीं होता कि वह मारने से पहले किसी से उसका धर्म पूछें।” अर्थात शुरुवात में वडेट्टीवार ने इस बात को मानने से ही इनकार कर दिया था की आतंकियों ने पहलगाम हमले के समय हिंदू पुरुषों को उनका धर्म जानकर मारा, जिसके बाद उनके बयान पर तीखी आलोचना हुई। आलोचनाओं के बीच, वडेट्टीवार ने एक वीडियो जारी किया और सफाई दी। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले का मुख्य उद्देश्य भारत की एकता पर हमला करना था। उनका यह भी कहना था कि आतंकवादियों का उद्देश्य दो धर्मों के बीच दरार डालना और देश में अस्थिरता पैदा करना था।
वडेट्टीवार ने कहा, “आतंकी चाहते थे कि भारत में धर्म के नाम पर विवाद हो, जिससे देश की एकता को नुकसान पहुंचे। ऐसे तत्वों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। भारत सरकार जो भी कदम उठाएगी, कांग्रेस उसका समर्थन करेगी। भारत की अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ऐसी राष्ट्रविरोधी प्रवृत्तियों को समाप्त करना जरूरी है। भारत एक है और एक रहेगा।”
इसके बाद भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने वडेट्टीवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता पाकिस्तान को क्लीन चिट देने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। पूनावाला ने आरोप लगाया कि वडेट्टीवार यह कह रहे हैं कि सरकार पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार है और आतंकवादी धर्म के आधार पर नहीं मारते। उन्होंने यह भी कहा कि ये नेता, ऑल पार्टी मीटिंग में पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की बात करते हैं, लेकिन बाहर निकलते ही पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई से मना कर देते हैं।
वेट्टीवार का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है और इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।



