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Saturday, December 20, 2025
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ऊर्जा क्षेत्र की निरंतर प्रगति, राष्ट्र के विकास का प्रतीक : हरदीप पुरी!

पीएम मोदी ने 'नो गो एरिया' पर साहसिक फैसला लेकर देश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ाया। इससे पहले इन नो गो एरिया में किसी भी प्रकार की खोज नहीं की गई।  

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केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि देश में तेल का बहुत बड़ा भंडार उपलब्ध है। ऑयल एंड गैस सेक्टर में एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन ऐसा क्षेत्र होता है, जिसके लिए किसी भी देश को आने वाले 5 से 10 वर्षों के लिए योजना बनाने की जरूरत है।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा, “ऊर्जा आत्मनिर्भरता में कई पहलों के साथ पीएम मोदी ने ‘नो गो एरिया’ पर साहसिक फैसला लेकर देश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ाया। इससे पहले इन नो गो एरिया में किसी भी प्रकार की खोज नहीं की गई।”

उन्होंने आगे कहा कि ओएएलपी IX राउंड के तहत प्राप्त हुईं बिडिंग में 38 प्रतिशत क्षेत्र ऐसा है, जो पहले ‘नो गो’ एरिया के तहत आता था। ओएएलपी X राउंड में यह आंकड़ा और अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

वर्तमान सरकार की उपलब्धियों को गिनवाते हुए केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि इसके साथ खनन क्षेत्र में पेट्रोलियम क्षेत्र को अलग कर ऑयल फिल्ड्स अमेंडमेंट बिल 2025 लागू किया गया, जो एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन की दिशा नई उम्मीदों के साथ अनंत अनंत संभावनाएं लेकर आया। साथ ही, निवेशकों के लिए नए द्वार खुले।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने वीडियो पोस्ट कर जानकारी दी कि तेल व गैस की खोज के लिए इस वर्ष ओएनजीसी ने 578 कुएं खोदे, जो 35 वर्षों में सबसे अधिक हैं। भारत ओएएलपी 10 राउंड के तहत लगभग 2 लाख स्कायर किलोमीटर में खोज करने जा रहा है। ये कदम भारत की ऊर्जा शक्ति को एक नए क्षितिज पर पहुंचाएगी।

उन्होंने कहा कि ये पहल भारत की ऊर्जा शक्ति को एक नए क्षितिज पर पहुंचाएगी। निरंतर मजबूत होता हमारा ऊर्जा क्षेत्र राष्ट्र की प्रगति का शुभ संकेत है और देश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा।

इससे पहले एक दूसरे एक्स पोस्ट में केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा था कि वर्तमान में भारत प्रतिदिन 5.6 मिलियन बैरल कच्चे तेल की खपत करता है। लगभग 7 करोड़ उपभोक्ता प्रतिदिन फ्यूल स्टेशन जाते हैं।

आगामी 20 वर्ष में, दुनिया की ऊर्जा मांग में वृद्धि का 25 प्रतिशत हिस्सा भारत से आएगा। अनुमानित रूप से वर्ष 2045 तक भारत प्रतिदिन लगभग 11 मिलियन बैरल कच्चे तेल की खपत करेगा।
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