पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र में स्थित मयूर विहार फेस-1 के यमुना खादर इलाके में शुक्रवार (21 मार्च) को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की टीम पहुंची। इस कारवाई का मकसद यमुना किनारे की ग्रीन बेल्ट को अतिक्रमण मुक्त कराना था। जैसे ही यह खबर मिली, क्षेत्रीय भाजपा विधायक रविंदर सिंह नेगी भी मौके पर पहुंचे और स्थानीय निवासियों के पक्ष में आवाज उठाई।
विधायक नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट के 2019 के आदेश के तहत यमुना किनारे के अतिक्रमणों को हटाने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय से इस क्षेत्र में रह रहे लोग खेती के जरिए अपनी आजीविका चला रहे हैं। उन्होंने डीडीए से स्थानीय निवासियों को कुछ समय देने की अपील की ताकि उनकी फसल को नुकसान न पहुंचे और उनके पुनर्वास की कोई योजना बन सके।
उन्होंने इस मुद्दे पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भाजपा नेता हर्ष मल्होत्रा से भी संपर्क किया। विधायक ने बताया कि उपराज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई है ताकि कोई ठोस समाधान निकल सके। विधायक ने कहा, “मैं इस क्षेत्र का जनप्रतिनिधि हूं, जनता ने मुझे चुनकर भेजा है। मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि आज किसी के घर पर बुलडोजर न चले।”
इससे पहले, गुरुवार देर रात मयूर विहार फेस-2 में भी डीडीए की कार्रवाई हुई थी, जहां 40 साल पुराने मंदिर को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। विधायक नेगी ने मौके पर पहुंचकर इस कार्रवाई को रुकवाने में अहम भूमिका निभाई।उन्होंने बताया कि 2015 से 2024 तक कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन इस बार बिना किसी पूर्व सूचना के आधी रात को पुलिस बल के साथ कार्रवाई की गई। इस दौरान एडिशनल डीसीपी, एसीपी और एसएचओ सहित भारी पुलिस बल तैनात था।
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विधायक ने तुरंत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से संपर्क किया, जिन्होंने उपराज्यपाल से बात कर इस कारवाई को रुकवाया। इसके बाद DDA और पुलिस की टीम मौके से लौट गई और मंदिर को तोड़ने की प्रक्रिया रोक दी गई। दिल्ली में यमुना खादर और ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन स्थानीय लोगों के पुनर्वास को लेकर अभी भी स्पष्ट नीति नहीं है। विधायक रविंदर सिंह नेगी स्थानीय निवासियों के समर्थन में खड़े हैं और उन्होंने सरकार से इस मामले में संवेदनशील रुख अपनाने की अपील की है।