महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महाविकास अघाड़ी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद देखा जा रहा है कि महाविकास अघाड़ी के घटक दल कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के बीच सबकुछ सहज नहीं है। क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने गुरुवार 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बजाय अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की है।
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) पार्टी के सांसद अनिल देसाई ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए इसकी वजह बताई है| उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना (ठाकरे) पार्टी का समर्थन किया था, इसलिए उनकी पार्टी अपना समर्थन देगी। आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और कांग्रेस विपक्षी भारत गठबंधन में सह-पार्टियां हैं। लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रहे हैं| 2024 का लोकसभा चुनाव दोनों पार्टियों ने मिलकर लड़ा था|
दिल्ली विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस द्वारा आप को समर्थन देने की घोषणा के एक दिन बाद, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) पार्टी ने भी अपना समर्थन देने की घोषणा की है।पिछले साल दिसंबर में, इंडिया अलायंस के एक अन्य सहयोगी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी घोषणा की थी कि उनकी पार्टी दिल्ली चुनाव में उनके साथ खड़ी रहेगी।
संजय राऊत ने क्या कहा?: इस बीच, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) पार्टी के नेता संजय राऊत ने कहा है कि ‘इंडिया’ अघाड़ी का गठन लोकसभा के लिए किया गया था और इसे हर चुनाव में गठबंधन के रूप में माना जाना चाहिए। राऊत ने कहा, ”आप और कांग्रेस दोनों पार्टियां ‘इंडिया’अघाड़ी का हिस्सा हैं। हम लगातार कहते आ रहे हैं कि कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन दिल्ली में आप सबसे बड़ी पार्टी है।
दिल्ली में ‘आप’ की ताकत ज्यादा है| दिल्ली में माहौल यह है कि आम आदमी पार्टी भारी अंतर से चुनाव जीत रही है| हमारी पार्टी को दुख है कि कांग्रेस अरविंद केजरीवाल जैसे नेता को गद्दार कहती है| उनके ख़िलाफ़ इस तरह का अभियान चलाना ठीक नहीं है और हम इसे स्वीकार नहीं करते हैं|” राऊत ने आगे कहा, महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हम कांग्रेस के साथ थे। आप भी हमारे सहकर्मी हैं| दोनों को अभियान में संतुलन बनाना चाहिए| हमारे जैसे कई दल असमंजस में हैं कि दिल्ली में क्या करें| हमारे दोनों पक्षों के साथ अच्छे संबंध हैं।
मुंबई नगर निगम और राज्य के अन्य स्थानीय निकायों के चुनावों से पहले उद्धव ठाकरे की शिवसेना को अपना समर्थन देने का निर्णय लिया गया है। शिवसेना (ठाकरे) पार्टी इन चुनावों में कांग्रेस को साथ न लेकर आजादी की लड़ाई लड़ने की योजना बना रही है|
मुंबई नगर निगम चुनाव के मद्देनजर हुई समीक्षा बैठक में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) पार्टी के कई नेताओं और पदाधिकारियों ने राय जाहिर की है कि पार्टी को कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बजाय अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए| साथ ही संजय राऊत पिछले महीने भी कई बार बोलते हुए इस बात के संकेत दे चुके हैं| दिल्ली चुनाव में आप, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा| इस चुनाव का परिणाम 8 फरवरी को घोषित किया जाएगा|
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