राम राज्य सुशासन,पारदर्शिता और वसुधैव कुटुंबकम का मिश्रण है। कर्तव्य, श्रम की गरिमा, कर्म, पुरुषार्थ ही राम राज्य है। उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि राम राज्य की अवधारणा का मतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो अवधारणा पेश की है वह आतंकवाद से मुक्त भारत, गरीबी से मुक्त भारत, भाई-भतीजावाद से मुक्त भारत, आत्मनिर्भर भारत, एक भारत श्रेष्ठ भारत है।
साथ ही उन्होंने अपने भाषण में विरोधियों की जमकर आलोचना की है, जब ठाणे में रामायण उत्सव का आयोजन किया गया था तब देवेन्द्र फडणवीस ने अपने भाषण में विरोधियों की आलोचना की थी, जो लोग भगवान राम के अस्तित्व को नकारते हैं वे प्राणप्रतिष्ठा समारोह में कैसे जा सकते हैं? उन्होंने ये सवाल पूछा है|
ऋषियों ने भगवान राम को क्यों कहा?: जबकि उस दौरान सज्जन शक्ति को राक्षस परेशान कर रहे थे। राक्षस ऋषि मुनि द्वारा किये जा रहे यज्ञों या अनुष्ठानों में विघ्न डालते थे। उस समय ऋषियों ने दशरथ से कहा कि आप भगवान राम को भेजें और हमें राक्षसों से मुक्त कराएं। इसका मतलब यह है कि आतंकवाद से मुक्ति की शुरुआत भगवान श्री राम ने की थी| राक्षसों का नाश किया और उत्पीड़क कुलीनों को बचाया।
आज इसी भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सशक्त शक्ति हैं: वे आतंकवाद से लड़ रहे हैं और उसे नष्ट कर रहे हैं| जरूरत पड़ने पर सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक भी की जाती है और धारा 370 हटाकर दुष्ट शक्तियों को बता दिया जाता है कि हम तुम्हें भारत के टुकड़े नहीं करने देंगे। देवेन्द्र फडणवीस ने यह भी कहा है कि देश राम राज्य की अवधारणा पर चल रहा है।
अच्छे काम वही करते हैं जिनके मन में राम हैं और जिनके काम में राम हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यही किया है| उन्होंने बिना किसी जाति और धर्म का विचार किए गरीबों के कल्याण के लिए काम किया। राजीव गांधी कहते थे कि अगर मैं दिल्ली से एक रुपया भेजता हूं तो गरीबों के पास केवल 15 पैसे जाते हैं और बाकी सिस्टम खा जाता है। लेकिन मोदी ने ऐसी व्यवस्था बनाई कि पूरा रुपया गरीबों के खाते में चला जाए|
राम मंदिर के अवसर पर अयोध्या में नव अस्मिता स्थापित की जा रही है। लेकिन कुछ लोग इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे|वे कैसे जाएंगे? कुछ लोग पूछते हैं कि मोदी ने क्या किया? कोर्ट ने राम मंदिर का फैसला सुनाया| मैं उनसे एक सवाल पूछना चाहता हूं| 2007 में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया गया था| राम काल्पनिक हैं|इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि राम का जन्म उसी स्थान पर हुआ था।
इसलिए उन्होंने पूरी व्यवस्था बना दी थी कि सुप्रीम कोर्ट राम जन्मभूमि पर अपना अधिकार ख़त्म कर दे और कह दे कि इसका कोई सबूत नहीं है कि यहां मंदिर है, इसका कोई सबूत नहीं है कि रामलला का जन्म हुआ था, इसलिए मंदिर नहीं बन सकता| ये वही लोग हैं जिन्होंने 2011 में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि राम सेतु एक काल्पनिक अवधारणा है। इसलिए राम सेतु को तोड़ो और जहाजों को वहां जाने के लिए रास्ता बनाओ| ये वो लोग हैं जो राम को इस तरह से नकारते हैं|
इसलिए, मोदी के राज्य में सरकार ने दृढ़ता से कहा कि राम जन्मभूमि वह स्थान है, जहां राम लला की मूर्ति रखी गई है। हमें वहां मंदिर मिला, हमें वहां 64 खंभे मिले। उसी स्थान पर मूर्तियाँ भी मिली हैं। यह मोदी ही थे जिन्होंने कहा था कि हम उसी स्थान पर भगवान राम का मंदिर बनाएंगे और यह राम मंदिर समिति थी। इसलिए हमें ये दिन देखना पड़ रहा है|’ यह कहते हुए देवेंद्र फड़णवीस ने विरोधियों पर हमला बोला|
यह भी पढ़ें-
मनोज जरांगे को धोखा? कहाँ गए ‘वे’ दो मंत्री ? शरद पवार का सवाल !