मुस्लिम संगठनों का कहना है कि विशालगढ़ स्थित दरगाह पर अतिक्रमण नहीं है|तो विशालगढ़ पर अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया? ये सवाल संभाजी राजे छत्रपति ने पूछा था|साथ ही 14 जुलाई को उन्होंने चलो विशाल गढ़ का ऐलान भी किया था, जिसके बाद यहां पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए थे|अब इस संबंध में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी है|
14 जुलाई को वास्तव में क्या हुआ?: जैसे-जैसे संभाजी राजे और पुलिस के बीच चर्चा जारी रही, कार्यकर्ता और भी बड़ी संख्या में एकत्र हो गए। चूंकि पुलिस ने उन्हें किले में जाने की अनुमति नहीं दी, इसलिए मार्च करने वाले लोग किले की तलहटी में स्थित गजपुर गाँव की ओर चले गए। यहां घरों पर पथराव किया गया|घर के सामने खड़े दोपहिया और चार पहिया वाहनों में तोड़फोड़ की। एक घर में आग लगा दी गई| इसके अलावा, किले के अंदर कुछ छोटे विक्रेता भी थे और उनकी सामग्री भी नष्ट हो गई।
इसमें कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गये| इसके बाद अब महाविकास अघाड़ी ने कहा है कि हम शांति स्थापित करने जाएंगे|शाहू महाराज छत्रपति ने भी कहा है कि हिंसा उचित नहीं है|इस मुद्दे पर महाविकास अघाड़ी के रुख के आधार पर अब देवेन्द्र फडणवीस ने मविआ से सवाल पूछा है।
विशालगढ़ के बारे में क्या बोले देवेन्द्र फडणवीस?: “हर शिव भक्त की मांग थी कि विशालगढ़ पर अतिक्रमण हटाया जाए। निःसंदेह, सरकार की यह भावना है कि यह काम कानून द्वारा, नियमों का पालन करते हुए किया जाना चाहिए। तो उसी तरीके से कार्रवाई की जाएगी| मौजूदा हालात में शांति कैसे लायी जा सकती है? यह हमारी प्राथमिकता है| सरकार की भावना है कि केवल विशालगढ़ ही नहीं, बल्कि सभी किलों पर कब्ज़ा नहीं होना चाहिए। ”
महाविकास अघाड़ी पर देवेन्द्र फडणवीस की राय: “मुझे आश्चर्य है कि कुछ लोगों ने छत्रपति शिवाजी के इतिहास पर अतिक्रमण करने की कोशिश की। अगर वह अतिक्रमण हो रहा है तो महाविकास अघाड़ी के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? क्या महाविकास अघाड़ी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे छत्रपति शिवाजी के पक्ष में हैं या उनके गढ़ों पर अतिक्रमण करने वालों और हरे झंडे लहराने वालों के पक्ष में हैं?
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