भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने शुक्रवार(11 अप्रैल) को पश्चिम बंगाल के ओल्ड मालदा स्थित बुलबुली मोड़ पर स्थानीय लोगों से ‘चाय पर चर्चा’ करते हुए सनातन धर्म की रक्षा के लिए जनता से एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जैसे रामनवमी पर लोग संगठित होकर सड़कों पर उतरे, वैसे ही धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए भी सामाजिक एकता अनिवार्य है।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह सात बजे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद घोष ने चाय की चुस्कियों के बीच क्षेत्रीय नागरिकों से संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाएं बताईं और राज्य सरकार की नीतियों पर जमकर निशाना साधा।
घोष के साथ मंच पर उत्तर मालदा के भाजपा सांसद खगेन मुर्मू, विधायक गोपाल साहा और अन्य स्थानीय भाजपा पदाधिकारी मौजूद थे। उन्होंने हाल ही में मोथाबाड़ी में हुई घटना का हवाला देते हुए कहा कि “यह समय है कि बंगाल की जनता संगठित होकर परिवर्तन की भूमिका लिखे। गंगा और महानंदा की तरह जनता की लहर अब सत्ता परिवर्तन की दिशा में बहेगी।”
भाजपा नेता ने राज्य में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने बताया कि अब तक 18,000 नियुक्तियों पर सवाल खड़े हो चुके हैं। घोष ने घोषणा की कि पार्टी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएगी और योग्य उम्मीदवारों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कानूनी लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा, “हम पीड़ित शिक्षकों के साथ हैं, उनके हक की लड़ाई सड़क से लेकर अदालत तक लड़ी जाएगी।”
बेरोजगारी और स्थानीय विकास की कमी जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। घोष ने कहा कि भाजपा इन समस्याओं को लेकर गंभीर है और जनता की आवाज़ को हर स्तर पर उठाया जाएगा। स्थानीय लोगों ने भी इस संवादात्मक कार्यक्रम को सराहा और कहा कि ऐसे आयोजन आम जनता और नेताओं के बीच दूरी को कम करते हैं।
यह आयोजन भाजपा के स्थानीय जनसंपर्क अभियान का हिस्सा था, जिसे पार्टी आगामी चुनावों से पहले समर्थन जुटाने की रणनीति के रूप में देख रही है। घोष ने अंत में दोहराया कि “भाजपा जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं को समझना और समाधान देना चाहती है। सनातन संस्कृति और राष्ट्र की अस्मिता के लिए यह लड़ाई अब हर घर की होगी।”
यह भी पढ़ें:
पीएम मोदी की काशी यात्रा में सीएम योगी ने जताया आभार, कहा—11 साल में काफी बदली है काशी!
26/11 के आतंकियों को पाकिस्तानी सर्वोच्च सम्मान दिलवाने की तहव्वुर राणा की ख्वाइश!
“मैं काशी का हूं और काशी मेरी है” पूर्वांचलियों से पीएम मोदी का संवाद!



