महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा की गई मांग पर चुनाव आयोग ने स्पष्ट इंकार कर दिया है। गांधी ने आरोप लगाया था कि पिछले साल हुए महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी हुई और उन्होंने मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने इसे निजता का उल्लंघन और कानूनी रूप से गलत बताते हुए खारिज कर दिया है।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा, “मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करना उन मतदाताओं की पहचान उजागर कर सकता है, जिन्होंने वोट डाला है या नहीं डाला है। इससे ऐसे लोगों पर दबाव, भेदभाव या धमकी की आशंका बढ़ जाती है।”
आयोग ने कहा कि यह मांग “Representation of the People Act” और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के भी खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि मतदान न करना भी एक गोपनीय और वैध विकल्प है। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यह वीडियो सिर्फ आंतरिक निगरानी के लिए रिकॉर्ड किया जाता है, और इसे केवल किसी अदालत के आदेश पर ही पेश किया जा सकता है।
राहुल गांधी ने हाल ही में यह मांग की थी कि महाराष्ट्र में 5 बजे के बाद की सभी मतदान केंद्रों की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग जारी की जाए और एक डिजिटल वोटर लिस्ट भी प्रकाशित की जाए।
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि यदि किसी चुनाव परिणाम को 45 दिनों के भीतर अदालत में चुनौती नहीं दी जाती है, तो वेबकास्टिंग की सारी रिकॉर्डिंग नष्ट कर दी जाती है। आयोग ने कहा कि नियम के अनुसार किसी भी व्यक्ति को बिना अनुमति वीडियो या वोटिंग से जुड़ी जानकारी देना अपराध की श्रेणी में आता है और इसमें जेल या जुर्माना हो सकता है।
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