दिल्ली के “आप” आम आदमी पार्टी नेता अमानतुल्ला खान को लेकर ईडी ने चौकाने वाला खुलासा किया है। बुधवार, 30 अक्तूबर को प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए कहा है कि वर्ष 2020 के दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों में पीड़ितों के राहत कार्य के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में एकत्र किए गए लाखों रुपये की हेराफेरी की गई है।
इस संबंध में ईडी की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है “ एड़ी की जांच से पता चला है की, अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड से अनुमति के बिना “दिल्ली वक्फ बोर्ड रिलीफ कमिटी” जारी की।” आरोपों के अनुसार दिल्ली दंगो में पीड़ितों के नाम पर धन जुटाने के लिए, अमानतुल्ला खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड राहत समिति के नाम पर एक अनधिकृत बैंक खाता खोला गया वहीं जनता से प्राप्त धनराशि अमानतुल्ला खान के निर्देशों के तहत नकद में निकालकर उसे सौंपी गई।
दिलचस्प बात यही है की दिल्ली दंगों के बाद यह दिल्ली वक्फ बोर्ड रिलीफ कमिटी बनायीं गई थी और इसी समय में अमानतुल्ला खान ने अपनी बीवी मरियम सिद्दीकी के नाम से 19 लाख रुपए की प्रॉपर्टी भी खरीदी जिसकी आधी रकम नकद और आधी अमानतुल्ला के सहयोगी ज़ीशान हैदर ने दी थी। बता दें की अमानतुल्ला खान की पत्नी मरियम खान पूरी तरह से अमानतुल्ला पर डिपेंडेंट है, उनकी अपनी कोई इनकम बताई नहीं गई है।
ईडी का कहना है कि आप नेता अमानतुल्लाह खान अपने सहयोगी जीशान हैदर और दाउद नासिर के जरिए पैसों की हेराफेरी रहा था। इन सहयोगियों ने कौसर इमाम सिद्दीकी के माध्यम से नकद खर्च की थी। कौसर सिद्दीकी द्वारा लिखी डायरी से पता चला कि उसने अपने सहयोगी और कौसर के माध्यम से ओखला के तिकोना पार्क में एक संपत्ति खरीदने के लिए 27 करोड़ रुपये की नकद दी थी।
ईडी ने अपनी प्रेस विज्ञाप्ति में कहा है कि, उन्हें तिकोना पार्क में संपत्ति की बिक्री के संबंध में विक्रेता जावेद इमाम सिद्दीकी और उनकी पत्नी के बैंक खातों में भारी मात्रा में संदिग्ध नकदी जमा होने का पता चला था। बता दें की इन मामलों के सन्दर्भ में अमानतुल्ला खान को यदि ने 14 समन भेजे थे, लेकिन आप नेता केवल एक बार उपस्थित रहा। हालांकि अब इस मामले में, ईडी ने अमानतुल्ला खान, जीशान हैदर, दाउद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जावेद इमाम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है और सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।
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