राजस्थान सरकार ने अपने राज्य के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली पाठ्यपुस्तकों को वापस ले लिया है। इन पाठ्यपुस्तकों में गोधरा कांड का जिक्र है| यह भी बताया गया है कि इस मामले में हिंदुओं को आरोपी बनाया गया था|राज्य सरकार ने ऐसे उल्लेख वाली सभी किताबें वापस ले ली हैं|स्कूलों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे इस किताब को न खरीदें|
किताब वापस लेने की वजह क्या है?: राजस्थान में भाजपा से पहले बनी गहलोत सरकार यानी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने विश्विरी लोग-उम्मीद और साहस की कहानियां नाम की किताब को राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया था| इस किताब को स्कूली पाठ्यक्रम से हटाने का फैसला किया गया है| राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है, ”इस किताब में गोधरा कांड के बारे में गलत जानकारी दी गई है|
साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि दोनों समाजों को कैसे बांटा जाए| किताब में यह भी बताया गया है कि गोधरा ट्रेन को जलाने वाले लोग दाहिनी ओर थे। साथ ही हिंदुओं का पक्ष अपराधियों की तरह पेश किया गया है| जब गोधरा कांड हुआ तो नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर बैठे थे| इस किताब में नरेंद्र मोदी को भी बदनाम किया गया है| इसलिए, हमने इस किताब को वापस लेने का फैसला किया है।”
मदन दिलावर के आरोपों पर गोविंद सिंह ने क्या दिया जवाब?: मदन दिलावर ने इस किताब मामले में गोविंद सिंह डोटासरा पर आरोप लगाया है| गोविंद सिंह ने जानबूझकर इस पुस्तक को बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल किया। उधर, गोबिंद सिंह का कहना है कि मैंने किसी भी किताब को मंजूरी नहीं दी। मदन दिलावर मेरे खिलाफ झूठ बोल रहे हैं|
विवादित है किताब?: इस किताब को पूर्व आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर ने लिखा है। हर्ष मंदर मध्य प्रदेश के छत्तीसगढ़ में कलेक्टर के पद पर कार्यरत थे| रिटायरमेंट के बाद वह एक एनजीओ में काम कर रहे थे। उनके अनुभवों को मंदर द्वारा लिखी गई किताब में लिखा गया है।
उनका कहना है कि गोधरा ट्रेन हमला एक आतंकी साजिश थी|इस साजिश में मुसलमानों को निशाना बनाया गया| राहत शिविरों में रहने वाले लोगों को कैसी यातनाएं दी गईं।कई बच्चे लापता भी हो गए हैं|इस किताब में यह भी बताया गया है कि यहां दूसरे धर्म के लोग अपनी पहचान छिपाकर रह रहे हैं|
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