एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच सियासी जंग में चुनाव आयोग ने धनुष के तीर को फ्रीज कर दिया है, जिसे बालासाहेब ने अपनी जान से भी ज्यादा संजोया था| ठाकरे समूह का धनुष-बाण चिन्ह चला गया है, लेकिन मुंबई में उद्धव ठाकरे की सेना की सहानुभूति, अंधेरी उपचुनाव उम्मीदवार ऋतुजा लटके के प्रचार और भाजपा उम्मीदवार मुर्जी पटेल की वापसी ने ऋतुजा लटके की जीत हुई है।
ऋतुजा लटके को कुल 66 हजार 247 वोट मिले। नोटा को 12 हजार 778 वोट मिले और राजेश त्रिपाठी 1 हजार 569 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे। ऋतुजा लटके की जीत के साथ, ठाकरे की शिवसेना ने शिंदे विद्रोह के बाद मशाल चिन्ह पर अपना पहला विधायक चुना है।
मशाल चिन्ह पर यह जीत उद्धव ठाकरे के लिए बहुत महत्वपूर्ण और सशक्त है, क्योंकि इस जीत से उद्धव ठाकरे पूरे राज्य में संदेश देंगे कि मुंबई की जनता शिवसेना के साथ मजबूती से खड़ी है| साथ ही मुंबई नगर निगम के आगामी चुनावों को देखते हुए यह जीत उद्धव ठाकरे के लिए काफी मददगार साबित होगी। पूरे राज्य में यह संदेश भी जा सकता है कि नेता भले ही एकनाथ शिंदे के पीछे चले गए हों लेकिन कार्यकर्ता ठाकरे के पक्ष में हैं।
ठाकरे को जो हमदर्दी मिल रही थी वो भी कमाल की थी| दूसरी ओर, कांग्रेस और राष्ट्रवादी दोनों पार्टियों, जो इस दौरान ठाकरे के साथ मजबूती से खड़ी रहीं, यहां तक कि उद्धव ठाकरे से दुश्मनी रखने वाली कम्युनिस्ट पार्टी को भी समर्थन मिला। बहरहाल, माविया नेताओं ने लटके ताई को विधानसभा भेजने का फैसला किया| उद्धव ठाकरे को भी लोगों का भरपूर समर्थन मिला।
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