महाराष्ट्र से कई परियोजनाएं दूसरे राज्यों में जाने से विपक्ष की तरफ से लगातार सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। ऐसे में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे के रांजणगांव में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर लगाने की घोषणा की। मंत्रालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उपमुख्यमंत्री ने महाविकास आघाड़ी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि सभी परियोजनाएं महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र से बाहर चली गई। फडणवीस ने कहा कि रिफाइनरी परियोजना को महाराष्ट्र में ही लगेगी और केंद्र सरकार के आगामी बजट से पहले टैक्सटाइल पार्क लगाने की घोषणा किए जाने की संभावना है।
नेता-एचएमवी पत्रकार कर रहे हैं बदनाम: फडणवीस ने कहा कि कुछ नेता और एचएमवी (हिज मास्टर्स वाइस) पत्रकार महाराष्ट्र को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। मेरा सवाल है कि जिन लोगों ने रिफाइनरी का विरोध किया, उन्हें निवेश के बारे में बोलने का अधिकार है? रिफाइनरी के विरोध की वजह से यह परियोजना महाराष्ट्र और केरल जैसे दो राज्यों में विभाजित हो सकती है। लेकिन हम संपूर्ण परियोजना को महाराष्ट्र में लाने का प्रयास कर रहे हैं।
रिफायनरी निवेश बहुत बड़ा: नाणार परियोजना को “निवेश का बाप” बताते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज तक देश में इतना बड़ा निवेश कभी नहीं आया। इसमें 75 प्रतिशत का स्वामित्व केंद्र सरकार की कंपनियों के पास था। इस परियोजना में 3 लाख करोड़ रुपए का निवेश होना था, साथ ही 1 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 5 लाख तक अन्य रोजगार सृजित होते, लेकिन कुछ लोगों के विरोध के कारण यह प्रोजेक्ट अब तक नहीं शुरु नहीं हो सका। अब यह फुल फॉर्म में होगा या नहीं? पता भी नहीं, लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष से सवाल किया कि अगर आप 3 लाख करोड़ के निवेश वाली किसी परियोजना का विरोध कर रहे हैं तो आपको महाराष्ट्र में निवेश की बात करने का क्या अधिकार है? आपने यह निवेश वापस भेज दिया है। इससे महाराष्ट्र को काफी नुकसान हुआ है। हम उस रिफाइनरी परियोजना को स्थापित करने जा रहे हैं, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि यह कहां होगी? फडणवीस ने यह भी कहा कि कुछ गांवों को बाहर रखा जाएगा और कुछ नए गांवों को शामिल किया जाएगा, लेकिन रिफाइनरी महाराष्ट्र में लगेगी।
फॉक्सकॉन को लेकर गलत प्रचार: उपमुख्यमंत्री ने कहा कि फॉक्सकॉन को लेकर गलत प्रचार किया गया। तत्कालीन उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा था कि फॉक्सकॉन महाराष्ट्र में नहीं आएगा। टाटा एयरबस परियोजना 2011 में ही गुजरात में लगाने की योजना बनी थी, लेकिन हमें बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। विपक्ष के नेता रहते हुए मैंने खुद टाटा से संबंधित अधिकारी को अपने घर बुलाया, लेकिन उसने कहा कि इस वक्त महाराष्ट्र का वातावरण उचित नहीं है, तब भी मैंने एमआईडीसी से कहा कि आप फॉलो अप कीजिए। यह परियोजना जाने के बाद मैं कंपनी के अधिकारियों के संपर्क में था। उन्होंने कहा कि एक साल पहले ही गुजरात जाने के निर्णय के बारे में उद्धव ठाकरे को बता चुके हैं।
दो साल में राज्य को बनाएंगे नंबर वन: फड़णवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में उद्योग नहीं आए, इसके लिए महाविकास आघाड़ी की तरफ से बदनामी मुहिम तो नहीं चल रही है? इसकी आशंका पैदा हो गई है। हम महाराष्ट्र को निवेश में फिर नंबर वन लाएंगे, यह मैं राज्य की जनता को आश्वस्त करता हूं। निवेश तभी आता है, जब कानून और व्यवस्था की स्थिति ठीक रहती है। पिछले ढाई साल में क्या हुआ, यह पूरे देश ने देखा है। हम आने वाले दो साल में महाराष्ट्र को उद्योग में नंबर एक का राज्य बनाएंगे।
केंद्र सरकार ने पुणे के रांजणगांव में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने की मंजूरी दी है। इस परियोजना में 2 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। इलेक्ट्रॉनिक उद्योग से संबंधित राष्ट्रीय नीति के तहत यह क्लस्टर बनाया जाएगा। इस परियोजना से 5 हजार रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि रांजणगांव में 297.11 एकड़ में यह क्लस्टर बनेगा। इसके लिए 462.11 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। आगामी 32 माह में यह परियोजना लग जाएगी।
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