MSP (एमएसपी) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार और केंद्र के बीच मचे दंगल को लेकर राहुल गांधी ने मंगलवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि, अगर केंद्र में उनकी सरकार बनती है, तो कांग्रेस किसानों के लिए एमएसपी पर कानून बनाएगी है। कांग्रेस नेता का यह ऐलान सूरज को रोशनी दिखाने जैसा है। 60 साल से अधिक समय तक सत्ता का स्वाद चखने वाली कांग्रेस डॉक्टर स्वामीनाथन की रिपोर्ट को 2010 में लागू करने से इंकार कर दिया था। राहुल गांधी का बयान केवल राजनीति से प्रेरित है और चुनावी लाभ लेने की एकमात्र कोशिश है।
साल 2010 में जब राज्यसभा में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के संबंध में पूछे गए सवाल में इस बात का खुलासा होता है कि कांग्रेस केवल मुद्दों को लेकर राजनीति करती रही है। देश हित को ताक पर रखा।16 अप्रैल 2010 को एमएसपी पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लेकर राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने मंत्री से सवाल किया था। उन्होंने तब के कृषि राज्य मंत्री केवी थॉमस से पूछा था कि क्या स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को स्वीकार लिया गया है ? अगर तो इस संबंध में क्या ब्यौरा क्या है ? बता दें कि, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में किसानों की फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य से डेढ़ गुना की सिफारिश की गई थी। जिसे कांग्रेस ने नकार दिया था।
इस सवाल का जवाब देते हुए केवी थॉमस ने कहा था कि अगर ऐसा हुआ तो आर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश कृषि लागत और मूल्य आयोग के मापदंडों के आधार पर और साथ ही वाजिब जरूरतों के आधार वपर विचार करते हुए की जाती है। तब कांग्रेस नेता ने कहा था कि लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत की वृद्धि करने पर बाजार की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकुल प्रभाव पडेगा।
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