महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, SBI ने 501 महिला ग्राहक सेवा केंद्रों की स्थापना की है। इन केंद्रों का उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करना और उन्हें आर्थिक विकास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत, SBI ने ₹26 करोड़ की राशि विभिन्न परियोजनाओं में निवेशित की है, जो महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवा, आजीविका विकास और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देती हैं। वित्त मंत्री ने बैंक के इस प्रयास की प्रशंसा की और कहा कि यह पहल देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
SBI की यह पहल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और समाज के सभी वर्गों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैंक की इस पहल से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सहायता मिलेगी।
यह भी पढ़ें:
महाराष्ट्र: शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा, औरंगजेब के कब्र पर क्यों करें खर्च!
मालेगांव में जीवित व्यक्ति ने बनवाया खुद का मृत्यु प्रमाणपत्र, दो गिरफ्तार!
भारत-यूरोपीय ‘एफटीए’: भारत और ईयू फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर अगले राउंड की बातचीत 10 मार्च से शुरू!
उद्घाटन समारोह में वित्त मंत्री ने एसबीआई की इस पहल की सराहना की और कहा कि यह कदम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्य बैंक भी ऐसी पहलों को अपनाएंगे।
दरम्यान एसबीआई के चेयरमैन ने कहा कि बैंक का लक्ष्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच को बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि महिला ग्राहक सेवा केंद्रों के माध्यम से महिलाएं न केवल बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकेंगी, बल्कि उन्हें रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।