वो मुद्दा जिसके लिए भारतीय राजनयिकों ने 200 घंटे, 300 द्विपक्षीय बैठकें की 

दिल्ली घोषणापत्र के लिए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमिताभ कांत की सराहना।   

वो मुद्दा जिसके लिए भारतीय राजनयिकों ने 200 घंटे, 300 द्विपक्षीय बैठकें की 

भारत के जी 20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि “लीडर्स समिट” के लिए अपनाये गए “जी 20 घोषणापत्र” पर आम सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों को 200 घंटे लगे। यह बात उन्होंने रविवार शाम को कहा। उन्होंने कहा भारतीय राजनयिकों को 200 घंटे से अधिक समय तक लगातार बातचीत करते रहे है। अमिताभ कांत ने कहा कि कि  संयुक्त सचिव ई गंभीर और के नागराज नायडू सहित कई राजनयिकों ने 300 से अधिक द्विपक्षीय बैठकें की।  “जी20 लीडर्स समिट” के पहले ही दिन सर्वसम्मति के लिए  यूक्रेन संघर्ष पर अपने समकक्षों को 15 मसौदे वितरित किये। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमिताभ कांत और विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ़ कहा बधाई दूंगा।

जी 20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि इस पूरे मसौदे का सबसे कठिन भाग भू राजनीति पैराग्राफ था।  जिस पर आम सहमति  बनाना कठिन था। इसके लिए 200 घंटे तक लगातार 300 द्विपक्षीय बैठकें,और 15 मसौदों की वजह से हुआ।उन्होंने कहा कि इसमें नायडू और गंभीर के प्रयासों से उन्हें  काफी  सहायता मिली। अमिताभ कांत ने एक्स प्लेट फार्म पर एक पोस्ट किया जिसमें वे अपनी टीम के साथ दिखाई दे रहे है।  उन्होंने अपने कैप्शन में लिखा है कि मेरे युवा, गतिशील और प्रतिबद्ध अधिकारियों की टीम के साथ जिन्होंने जी 20 पर 100 प्रतिशत सर्वसम्मति प्रदान की है। ”

वहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी अमिताभ कान्त की सराहना की है।  उन्होंने एक्स पर लिखा कि  बहुत बढिया अमिताभ कान्त ,ऐसा लगता है कि जब अपने आईएएस का विकल्प चुना तो आईएफएस ने एक टॉप राजनयिक खो दिया। ” हालांकि, शशि थरूर ने मोदी सरकार की आलोचना भी की है। उन्होंने विपक्ष नहीं बुलाये जाने पर हमला बोला है।

गौरतलब है कि भारत ने रूस और यूक्रेन पर जारी मतभेदों को दूर करते हुए भारत ने शनिवार को आम सहमति से घोषणा पत्र को मंजूर कराया। भारत ने ज़क बड़ी जीत और कूटनीति  हासिल की।  इस घोषणापत्र में कहा गया है कि ” हम सभी राज्यों से क्षेत्रीय अखंडता और सम्प्रभुता , अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और शांति और स्थिरता की रक्षा करने वाली बहुपक्षीय सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाये रखने की अपील करते हैं। ”

 

ये भी पढ़ें 

 

PM मोदी ने खालिस्तान मुद्दे पर कनाडा पीएम को सुनाई सुनाई    

जी-20 शिखर सम्मेलन: घोषणापत्र से तुलना पर भड़के विदेश मंत्री!

Exit mobile version