प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने केरल दौरे के दौरान इसरो के आगामी महत्वाकांक्षी मिशन में बड़ी घोषणा की है। गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसमें करीब छह टन वजनी अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। अंतरिक्ष यान में चार अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने की क्षमता होगी। गगनयान मिशन के पहले समानांतर मिशन पर अंतरिक्ष यान तीन दिनों के लिए लगभग 400 किमी की दूरी पर पृथ्वी की परिक्रमा करने वाला है।
फिर इस अंतरिक्ष यान में पृथ्वी का दौरा करने वाले चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की गई है। ये चार नाम हैं प्रशांत बालकृष्ण नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी केरल यात्रा के दौरान इन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की और उन्हें उनकी अंतिम तैयारियों के लिए शुभकामनाएं दीं।
ये चारों भारतीय वायुसेना के अधिकारी हैं।अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण के लिए बेंगलुरु में एक विशेष सुविधा बनाई गई है। इतना ही नहीं, इन चारों ने कुछ समय तक रूस में अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष यात्रा के लिए जरूरी बुनियादी प्रशिक्षण भी लिया है। आने वाले समय में अमेरिकी नासा भी इसरो की मदद करने जा रही है।
इससे पहले अप्रैल 1984 में तत्कालीन सोवियत रूस के सोयुज टी-11 अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष की यात्रा कर राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बने थे। उसके बाद कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स सहित भारतीय मूल के कुछ नागरिक अन्य देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले अंतरिक्ष यात्री के रूप में अंतरिक्ष में गये।
हालाँकि, अब तक भारत ने अपनी ओर से किसी भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में नहीं भेजा था। फिर देश के ये चार अंतरिक्ष यात्री 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में गगैनन मिशन से अंतरिक्ष का मायाजाल रचने वाले हैं। रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत अपने अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा। यहाँ तक कि शक्तिशाली यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, जापान, कनाडा भी अभी तक ऐसा नहीं कर पाये हैं।
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