अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके सहयोगियों पर अमेरिका में कथित तौर पर अरबों डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने के आरोप में गौतम अडानी और उनके सहयोगी पर चार्जेस लगाए गए है। न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रेओन पीज़ ने आरोप लगाया है कि अडानी और अन्य प्रतिवादियों ने सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारत में कई अधिकारियों को अरबों डॉलर की रिश्वत दी है। साथ ही कहा गया है की, यह साजिश अमेरिकी निवेशकों से छिपाई गई थी।
गौतम अडानी पर 2000 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है। अडानी, अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के कार्यकारी और एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल कैबनेस पर भी आरोप लगाए गए हैं। अमेरिकी अभियोजकों ने बुधवार को कहा कि अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य ने सौर ऊर्जा वितरण के अनुबंध हासिल करने के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को 2,029 करोड़ रुपये (265 मिलियन डॉलर) की रिश्वत की पेशकश की।
अमेरिकन सिक्युरिटीज ऍण्ड एक्स्चेंज कमिशनने (एसईसी) ने बुधवार (१९ नवंबर)को अदानी और अन्य पर सिक्युरिटीज आणि वायर फ्रॉड आणि सिक्युरिटीज फ्रॉड की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन पर गलत और भ्रामक बयान देकर अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों से धन जुटाने का आरोप है। एसईसी का आरोप है कि रिश्वत योजना भारत सरकार द्वारा अदानी ग्रीन और एज़्योर पावर को दी गई अरबों डॉलर की सौर ऊर्जा परियोजनाओं का लाभ उठाने के लिए बनाई गई थी। एसईसी की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ये लोग संघीय प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी विरोधी प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं। एसईसी के एक बयान के अनुसार, अडानी ग्रीन ने योजना के दौरान अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर (लगभग 1450 करोड़ रुपये) से अधिक जुटाए। एसईसी के एक बयान के अनुसार, अडानी ग्रीन ने योजना के दौरान अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर (लगभग 1450 करोड़ रुपये) से अधिक जुटाए।
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न्यूयॉर्क के पूर्वी जिला अटॉर्नी कार्यालय ने गौतम अडानी, सागर अडानी, कबानीस, अडानी ग्रीन और एज़्योर पावर से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोप दायर किए हैं। विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के उल्लंघन में रिश्वतखोरी की कथित साजिश। अधिकारियों का कहना है कि अडानी और उसके सहयोगियों ने 2020 और 2024 के बीच भारत में अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत दी। रिश्वत के पीछे मंशा सौर ऊर्जा परियोजना हासिल करना था। इससे अगले 20 वर्षों में $2 बिलियन से अधिक का मुनाफ़ा होने की संभावना है।
बता दें की अब तक सामने आयी रिपोर्ट के अनुसार, 2021-2022 के बीच भारत में राज्य सरकारों के अधिकारियों को कथित तौर पर रिश्वत दी गई थी। इसमें जिन चार राज्यों के नाम सामने आये वह ओडिशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश है। इसी के साथ आपको यह भी बता दें की अमेरिका में रिश्वतखोरी अवैध है, लेकीन पैरवी कानूनी है और दोनों के बीच अंतर अक्सर अपारदर्शी है।