कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा

आजाद कश्मीर में अपनी पार्टी  लांच करने का ऐलान किया 

कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा

वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से अपने 51 साल पुराने रिश्ते को तोड़ दिया है और अब नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है। आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लेकर सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने उनके डीएनए पर ही सवाल उठा दिया। जयराम रमेश ने कहा कि गुलाम नबी आजाद का डीएनए मोदीफाइड हो गया है। रमेश का कहना हैं कि कांग्रेस की लीडरशिप ने आजाद को सम्मान दिया, बावजूद आजाद ने  बेहद निजी और घटिया हमले करके विश्वासघात किया है। जयराम रमेश बोले, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि ऐसे वक्त में यह हुआ है, जब सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी भाजपा से महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रहे हैं। कांग्रेस के ही एक अन्य नेता संदीप दीक्षित ने भी गुलाम नबी आजाद के फैसले पर कहा कि मुझे इसमें विश्वासघात की बू आ रही है।  

गुलाम नबी आजाद लंबे व्यक्त से कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे। जी-23 में शामिल नेता लगातार नई बदलाव की मांग कर रहे थे। आजाद से पहले कपिल सिब्बल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयवीर शेरगिल, जितिन  प्रसाद, सुनील जाखड़, और कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं ने भी पार्टी से इस्तीफा दे  दिया था। इससे पहले गुलाम नबी आजाद की नाराजगी का पता तब चला जब उन्हें अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल सोनिया गांधी चाहती थीं कि काँग्रेस जम्मू कश्मीर में आजाद के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़े। इसलिए उन्हें चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही उन्हें लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के अटकलें और कयास लगाएं जा रहे थे। यह पहली बार नहीं है इसके पहले भी काँग्रेस और गुलाम नबी आजाद के मतभेद की खबर सामने या चुकी हैं।  

यही नहीं पवन खेड़ा ने तो गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को राज्यसभा की सीट से भी जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस बार गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा नहीं भेजा। शायद इसी वजह से उनका पार्टी से इस्तीफा आया है।  बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने आज ही 5 पन्नों का लंबा खत सोनिया गांधी को लिखकर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस पत्र में राहुल गांधी पर तीखा हमला किया और कहा कि उनके राजनीति में आने के बाद से ही कांग्रेस की वह व्यवस्था समाप्त हो गई, जिसमें सबकी सहमति और समन्वय से काम किया जाता था। गुलाम नबी आजाद के इस तरफ के इस्तीफे के बाद कयास लगाएं जा रहे है कि शायद जल्द ही आजाद भाजपा पार्टी में शामिल हो सकते हैं। 

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