हिमाचल प्रदेश सरकार ने शनिवार (7 सितंबर)को HP सिविल सेवा (संशोधित वेतन) दूसरा संशोधन नियम, 2025 को अधिसूचित कर दिया है, जिसके दायरे में आने वाले करीब 14,000 सरकारी कर्मचारी प्रभावित होंगे। यह नियम 89 श्रेणियों में कार्यरत कर्मचारियों पर लागू होगा। अधिसूचना के अनुसार नियमों में पहले जोड़ा गया सेक्शन 7A अब हटा दिया गया है। इसके चलते कर्मचारियों का वेतनमान 1 जनवरी 2016 से पुनः फिक्स किया जाएगा। इसका सीधा असर यह होगा कि कर्मचारियों की मासिक आय में 5,000 से 15,000 रुपये तक की कटौती होगी। हालांकि सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि अब तक हुए ओवरपेमेंट की वसूली नहीं की जाएगी।
फेडरेशन ऑफ सेक्रेटेरियल एम्प्लॉइज़ यूनियन के संजीव शर्मा ने रविवार को कहा, “इस मुद्दे पर हमने अन्य कर्मचारी संगठनों के साथ विस्तृत चर्चा की है और सोमवार को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और वित्त सचिव से मुलाकात कर अधिसूचना वापस लेने की अपील करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय खासकर निचले और मध्यम वर्ग के कर्मचारियों को प्रभावित करेगा। शर्मा ने आगे कहा, “कर्मचारी अपनी आय के हिसाब से बच्चों की स्कूल फीस, लोन की किस्तें और रोज़मर्रा के खर्च तय करते हैं। ऐसे में वेतन में अचानक आई कमी से उनकी आर्थिक स्थिति हिल जाएगी।”
तकनीकी रूप से देखा जाए तो पहले लागू सेक्शन 7A के तहत 1 जनवरी 2016 को वेतन पुनरीक्षण के लिए मौजूदा मूल वेतन (31 दिसंबर 2015 तक) को 2.59 गुणा किया जाता था। अब संशोधित नियमों के तहत यह गुणांक 2.25 कर दिया गया है। यानी 0.34 कम मल्टीप्लाइंग फैक्टर के कारण कर्मचारियों का बेसिक पे उसी अनुपात में घट जाएगा। यह नियम केंद्रीय सरकारी सेवाओं और संशोधित UGC वेतनमान पाने वाले कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा।
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