हिमाचल में मुख्यमंत्री पद के तीन दावेदारों ने कांग्रेस के लिए संकट की स्थिति पैदा कर दी, समिति अध्यक्ष की ओर से शुक्रवार रात नवनियुक्त विधायकों की बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार देने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नाराज अन्य विधायकों में फूट पड़ने के आसार की चर्चा भी तेज हो गयी है|
बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय लेने का अधिकार देने वाला एक लाइन का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है| पार्टी निरीक्षक भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा शनिवार को पार्टी नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपेंगे|
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों में से 40 पर जीत दर्ज की है। लेकिन विधायक दल के नेता पद पर पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और निवर्तमान विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने दावेदारी की है| इन तीनों में से मुख्यमंत्री पद के लिए नाम तय करने का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को देने का प्रस्ताव पारित किया गया है|
गुरुवार को नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक से पहले पार्टी पर्यवेक्षकों ने राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर से भी मुलाकात की| छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राजीव शुक्ला ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें पार्टी विधायकों की सूची सौंपी और सत्ता गठन के दावे के लिए समय मांगा|
यह भी पढ़ें-
एक साथ दो युवतियों से शादी करने वाले युवक को कोर्ट ने दी राहत ?