इस बजट में मोदी सरकार ने पिछले आर्थिक वर्ष से अधिक इंफ्रास्ट्रचर के निर्माण, और विस्तार पर सरकारी खर्च निर्धारित किया है। सरकार ने 11 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की जिसका आंकड़ा 11,11,111 करोड़ रुपए का निर्धारित किया है। बजट के प्रस्तुति-पूर्व वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने बजट में रोजगार निर्माण, तरुण, महिला, किसान विकास पर लक्ष्य केंद्रित किए जाने की बात की थी। ऐसे में बजट को रोजगार के अवसर ठोस करने के लिए देश का बुनियादी ढाँचा डेवलप करना होगा।
भारत में उद्योगों और उनके जरिए निर्माण होनेवाले रोजगार के लिए भूमिकारूप व्यवस्था अर्थात इंफ्रास्ट्रक्चर का सुदृढ़ होना आवश्यक है। लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और विस्तार से बड़े पैमाने पर रोजगार निर्माण होता भी दिखा है। ऐसे में मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल से ही इंफ्रास्ट्रचर को सुदृढ़ करना शुरू किया था। ज़ाहिर मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के बजट में सरकार के इंफ्रास्ट्रक्टचर के डेवलोपमेन्ट पर अधिक ध्यान देता है।
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केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मंला सीतारमन ने कहा की इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च सकल घरेलु उत्पाद अर्थात ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) के 3.4 प्रतिशत किया जाएगा। मोदी सरकार का राज्यों के इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए बढ़ावा देने पर भी ध्यान है, जिसमें राज्यों को इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च के लिए 1.3 लाख करोड़ का दीर्घकालिक कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि, इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार द्वारा खर्च पर लगातर बढ़ोतरी से रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो रहें है। निर्मला सीतारमन ने बताया, पिछले दस वर्षों में भारत में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी अर्थात 149 तक पहुंची, जिसके कें बाद सरकार मौजूदा हवाई अड्डों के विस्तार के साथ नए हवाई अड्डों के निर्माण पर भी ध्यान दिया जाएगा। इस बजट से एनएचएआई को 1.68 लाख करोड़ शहरों और मेट्रो सिटी में सड़क निर्माण और विस्तार के लिए विनियोजित किये है।
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