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Friday, December 5, 2025
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भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के प्रति भूटान की श्रद्धा से अभिभूत हूं: प्रधानमंत्री मोदी!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान के राजा के साथ भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों से आशीर्वाद लिया। भिक्षुओं के मंत्रोच्चार के साथ, उन्होंने पवित्र अवशेषों की प्रार्थना की।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय भूटान दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की। पीएम मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को भूटान में जिस श्रद्धा के साथ प्राप्त किया गया है, उससे मैं अत्यंत अभिभूत हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान के राजा के साथ भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों से आशीर्वाद लिया। भिक्षुओं के मंत्रोच्चार के साथ, उन्होंने पवित्र अवशेषों की प्रार्थना की। प्रधानमंत्री मोदी भूटान की राजधानी थिम्पू के चांगलिमथांग स्टेडियम में उस ऐतिहासिक समारोह में शामिल हुए, जिसमें भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक का 70वां जन्मदिन मनाया जा रहा है।

इसे लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि भारत से लाए गए भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को भूटान में जिस श्रद्धा के साथ प्राप्त किया गया है, उससे मैं अत्यंत अभिभूत हूं। यह हमारे लोगों के बीच अटूट आध्यात्मिक बंधन को दर्शाता है, जो भगवान बुद्ध के शांति और सद्भाव के संदेश में निहित है।

भूटान के राजा ने दिल्ली में हुई त्रासदी में हुई जान-माल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायवाल ने बताया कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति पर चर्चा की और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने संयुक्त रूप से 1020 मेगावाट की पुनात्सांगचु-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। यह जलविद्युत परियोजना, जो भूटान की विद्युत उत्पादन क्षमता को 40 प्रतिशत तक बढ़ाएगी, दोनों देशों को बिजली की आपूर्ति करेगी।

इस परियोजना के पूरा होने के साथ, गतिशील और पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी में एक और उपलब्धि हासिल हुई है।

प्रधानमंत्री ने चौथे नरेश के उस योगदान को याद किया जिसने भारत-भूटान मैत्री को इतनी ऊंचाई तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह अनोखा रिश्ता चौथे नरेश की व्यक्तिगत रुचि और बुद्धिमानी से लगातार मजबूत हुआ है। उनकी सलाह और मार्गदर्शन से यह संबंध आने वाले समय में भी और गहरा होता रहेगा।

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