महाराष्ट्र की राजनीति में चाचा शरद पवार से बगावत करने के बाद अब अजित पवार ने एनसीपी पर अपना दावा ठोक दिया है। बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी में सजे मंच से अजित पवार ने कहा कि साहेब की छाया में काम करने को तैयार हूं। वो हमारे देवता हैं। अजित पवार चाचा से दूरी के बाद भी उनका साथ चाहते हैं।
भाषण देते हुए अजित पवार ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि हम सभी धर्म और जाति को साथ लेकर और संविधान को ध्यान में रखकर काम करने के लिए यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि काम करने के लिए पद चाहिए होता है। अगर मेरे पास पद नहीं होगा तो लोग मुझे खोटा समझेंगे। 2004 में एनसीपी के पास कांग्रेस से अधिक विधायक थे, लेकिन मैंने मुख्यमंत्री पद हासिल करने का मौका खो दिया।
इस दौरान अजित पवार ने साल 2019 में हुई शरद पवार और देवेंद्र फडणवीस की बैठक का भी जिक्र किया। अजित ने कहा कि आपकी (शरद पवार) उम्र ज्यादा हो गई है तो हमें आशीर्वाद दीजिए, चाचा शरद पवार की चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि वरिष्ठों को आराम करना चाहिए। हम आपके घर में पैदा नहीं हुए हैं तो इसमें हमारी क्या गलती है। आपने सुप्रिया सुले को पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया था, उसके लिए हम तैयार थे। जब आपको इस्तीफा वापस ही लेना था तो दिया ही क्यों था?
अपने संबोधन के दौरान अजित पवार ने कहा कि हम महाराष्ट्र में 90 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने ये कहा कि बीजेपी 2014 में नरेंद्र मोदी के करिश्मे की वजह से ही सत्ता में आई थी, 2024 में भी मोदी जी ही आएंगे। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पूरे देश में शरद पवार की परछाई थी। शरद पवार के खिलाफ तो शिवसेना और बाला साहेब थे।
वहीं एनसीपी में गुटबाजी की लड़ाई चुनाव आयोग के दरवाजे तक पहुंच गई है। अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह ने उनके समर्थन में विधायकों और सांसदों के 40 से अधिक हलफनामे दाखिल किए हैं। वहीं शरद गुट ने चुनाव आयोग में एक कैविएट फाइल किया है जिसमें यह अपील की गई है कि बिना उनका पक्ष सुने किसी तरह का डायरेक्टिव पास न किया जाए। इसके साथ ही अब सबकी नजरें चुनाव आयोग के निर्णय पर है।
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