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Sunday, December 15, 2024
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‘अल्लाह ने चाहा तो… हम मेजोरिटी से भी ज्यादा मेजोरिटी हो सकते हैं’: पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम !

"कलकत्ता हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में केवल दो-चार न्यायाधीश ही अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। ऐसा क्यों? हमें काबिल नहीं बनाया गया, जिससे हम न्याय कर सके। अल्लाह की रहमत और आपकी मेहनत यह पूरा कर सकती है, जहां आप न्याय देने लायक बन सके।"

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विवादित टिप्पणियों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले ममता के करीबी मंत्री फिरहाद हकीम के एक बयान से नया बवाल खड़ा हुआ है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा की, अल्लाह ने चाहा तो हम बहुमत में होंगे, जिससे की नया विवाद खड़ा हुआ है। भाजपा के नेता ने मंत्री फिरहाद के इस बयान की आलोचना करते हुए टीएमसी को घेर रही है।

ममता सरकार में मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। दौरान उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में फिलहाल हम 33 प्रतिशत हैं और देश में 17 फीसदी हैं। हमें माइनॉरिटी कहा जाता है, लेकिन हम ऐसा नहीं सोचते। अल्लाह की रहमत है हमारे ऊपर और तालीम हमारे साथ है… तो एक दिन हम मेजोरिटी से भी मेजोरिटी हो सकते हैं।

फिरहाद ने कहा कि संख्या में भले ही हम कम हो सकते हैं, लेकिन अल्लाह ने चाहा तो हम मजबूत हो सकते हैं। इतने मजबूत की न्याय के लिए मोमबत्तियों के साथ रैलियां करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, टीमसी नेता ने कहा हमारी कौम  मोमबत्ती लेकर जस्टिस के लिए जुलूस निकालती है। मैं कहता हूं कि हाथ में मोमबत्ती लेकर जस्टिस मांगने से जस्टिस नहीं मिलेगा। अपने रुतबे और औकात को उस जगह ले जाओ, जहां पर तुम खुद जस्टिस दे पाओ। कलकत्ता हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में केवल दो-चार न्यायाधीश ही अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। ऐसा क्यों? हमें काबिल नहीं बनाया गया, जिससे हम न्याय कर सके। अल्लाह की रहमत और आपकी मेहनत यह पूरा कर सकती है, जहां आप न्याय देने लायक बन सके।

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भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि हकीम ने इस ओर इशारा किया है कि पश्चिम बंगाल और भारत में जल्द ही मुसलमानों की आबादी बहुमत में हो जाएगी। वहीं बंगाल के भाजपा प्रदेशअध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने बयान देकर कहा कि वह शुद्ध जहर के साथ, खुलेआम सांप्रदायिक नफरत भड़काने रहे और एक खतरनाक एजेंडा चला रहे हैं। यह सिर्फ नफरत फैलाने वाला भाषण नहीं है… यह भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने का खाका है।

दरम्यान टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने हकीम द्वारा दिए इस बयान के बचाव में उतरें है। उन्होंने कहा, फिरहाद के शब्दों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है, हकीम यह कहना चाह रहे थे कि अल्पसंख्यक समुदाय को सशक्त बनाया जाए, जिससे वह मुख्यधारा में शामिल हो और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें।

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