केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार (10 मार्च) को कहा कि केंद्र सरकार को तमिलनाडु में पीएम श्री योजना के तहत धनराशि जारी करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन राज्य सरकार खुद इसमें रुचि नहीं दिखा रही है। उन्होंने तमिलनाडु से इस योजना को लागू करने का आग्रह किया।
मंत्री ने बताया कि पीएम श्री स्कूल योजना के तहत विज्ञान, नवाचार और भाषा शिक्षा के प्रमुख घटक हैं, और इसमें तमिल भाषा का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में पीएम श्री स्कूलों में तमिल ही शिक्षा का माध्यम रहेगा, फिर भी इसका विरोध किया जा रहा है, जो समझ से परे है।
डीएमके सांसदों ने आरोप लगाया कि केंद्र तमिलनाडु को शिक्षा से जुड़ा फंड नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि पीएम श्री के तहत लगभग 2 हजार करोड़ रुपए दिए जाने थे। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कुछ प्रावधानों का विरोध किया है, इसलिए उन्हें यह फंड नहीं दिया गया। केंद्र सरकार के इस कदम से तमिलनाडु के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।
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डीएमके सांसदों के आरोपों पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि इनके पास कोई तथ्य नहीं हैं। ये केवल हो-हल्ला करके एक विषय को भ्रमित करना चाहते हैं। आज 10 मार्च है और इस वित्तीय वर्ष के अभी 20 दिन बाकी हैं। तमिलनाडु शासन के साथ पिछले दिनों भारत सरकार ने चर्चा की है। इस चर्चा में एक समझौते का रास्ता भी निकाला गया था। तमिलनाडु सरकार उस समझौते पर राजी हो जाए तो हमें पीएम श्री के तहत धनराशि आवंटित करने में कोई आपत्ति नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राज्य राजनीतिक कारणों से इस योजना को लागू नहीं कर रहे हैं। ऐसे राज्यों से उन्होंने अपील की कि वे संकीर्ण राजनीतिक सोच से ऊपर उठें और विद्यार्थियों के हित में इस योजना का हिस्सा बनें।