चुनाव जीते तो ईवीएम अच्छी, हार गए तो छेड़छाड़; सुप्रीम कोर्ट ने फटकार के बाद याचिका की खारिज!

अगर आप जीतते हैं तो आपको लगता है कि ईवीएम अच्छी हैं, लेकिन अगर आप चुनाव हार जाते हैं तो आपको छेड़छाड़ नजर आती है।

चुनाव जीते तो ईवीएम अच्छी, हार गए तो छेड़छाड़; सुप्रीम कोर्ट ने फटकार के बाद याचिका की खारिज!

If-you-win-the-election-then-EVM-is-good-if-you-lose-then-it-is-tampered-Supreme-Court-rejected-the-petition-after-rebuke

विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो गए​|​ महायुति ने 230 से ज्यादा सीटें हासिल कर ऐतिहासिक जीत हासिल की​|​ महाविकास अघाड़ी की बुरी तरह हार हुई​| ​इसके बाद राज्य में विपक्षी दलों के नेताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर बार-बार सवाल उठाए।​ दावा किया गया कि हम ईवीएम मशीनों की वजह से हारे​|​ इसके खिलाफ विरोधियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया​, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी​|​

वीएम और बैले को लेकर लगातार चर्चाएं होती रहती हैं​|​महाराष्ट्र में चुनाव के बाद ईवीएम और बैलेट पेपर का मुद्दा उठा​|​ महाविकास अघाड़ के नेताओं ने ईवीएम पर संदेह जताते हुए कई सवाल उठाए थे​|​ डॉ​.​ के.एक​.​पॉल ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी​|​ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि चुनाव ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से कराए जाएं| इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है| ऐसी याचिका पहले भी दायर की गई थी| न्या.विक्रम नाथ, न्या.वराले बेंच ने यह आदेश सुनाया|

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?: याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर आप जीतते हैं तो आपको लगता है कि ईवीएम अच्छी हैं, लेकिन अगर आप चुनाव हार जाते हैं तो आपको छेड़छाड़ नजर आती है।

क्या थी याचिका?: पॉल की याचिका पुरानी थी। एक्स (पूर्व में ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने एक पोस्ट कर दावा किया कि ईवीएम को हैक कर लिया गया है। इसी बीच उनके पोस्ट का हवाला देते हुए एक याचिका दायर की गई|ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका बहुत अधिक होती है, इसलिए चुनावों में मतपत्र से चुनाव कराया जाना चाहिए, ताकि भारतीय नागरिकों का लोकतंत्र में विश्वास मजबूत हो। लेकिन यह याचिका खारिज कर दी गई है|

यह भी पढ़ें-

Maharashtra: महाराष्ट्र को अब तक कितने मुख्यमंत्री मिले? सबसे लंबे समय तक पद पर कौन था?

Exit mobile version