सुलग रहा है महाराष्ट्र!: दंगे कौन भड़का रहा है?, सामना से सवाल!
महाराष्ट्र में दंगों की प्रयोगशाला खोलकर भाजपा और उसके समर्थक सामाजिक समरसता को भंग कर मतों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है, लेकिन यह कहकर सरकार की आलोचना की गई है कि उन्हें समाज को बांटकर चुनाव लड़ना चाहिए, क्योंकि शिवसेना उन्हें बांटकर शासन कर रही है।
Team News Danka
Published on: Wed 17th May 2023, 02:39 PM
आज के ”सामना” की सुर्खियों में महाराष्ट्र में हुए दंगों पर टिप्पणी की गई है। शिंदे-फडणवीस सरकार और खासकर भाजपा की आलोचना की गई है। दंगों की आग में जो लोग सत्ता में आए उन्हें दंगों और धार्मिक तनावों से प्यार रहा होगा, लेकिन देश की जनता अब ऐसे तनावों की आदी हो चुकी है|महाराष्ट्र में दंगों की प्रयोगशाला खोलकर भाजपा और उसके समर्थक सामाजिक समरसता को भंग कर मतों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है, लेकिन यह कहकर सरकार की आलोचना की गई है कि उन्हें समाज को बांटकर चुनाव लड़ना चाहिए, क्योंकि शिवसेना उन्हें बांटकर शासन कर रही है।
सत्ता का लुत्फ उठाने वाले भारतीय संविधान, राष्ट्रीय एकता, धार्मिक सद्भाव के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं। कहा गया है कि महाराष्ट्र के हित में राज्य की जनता सावधान रहे! महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार के सत्ता में आने के बाद से सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों की घटनाओं में वृद्धि हुई है। कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री शिंदे ढीले हैं और गृह मंत्री फडणवीस तो बस एक नाम हैं| दंगे भड़काना और राजनीतिक रोटी सेंकना भाजपा की पीढ़ी का धंधा है और चुनाव नजदीक आते ही इस धंधे में निवेश बढ़ जाता है। ऐसे निवेशक अब हमारे राज्य में आ चुके हैं। इसलिए हम महाराष्ट्र के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
विदर्भ के अकोला में शनिवार को दो गुटों के बीच मारपीट हो गई। मामूली विवाद पर मारपीट और मारपीट हो गई। पुलिस इस दंगे को संभालने में नाकाम रही। सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट वायरल हुई और विवाद शुरू हो गया। हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई। सामना में कहा गया है कि अकोला में फिलहाल धारा 144 लागू कर दी गई है|
इस समय रामनवमी सहित मुंबई के कुछ हिस्सों में दंगे हुए थे। छत्रपति संभाजी नगर में हिंसा भड़क गई। यह चिन्ह क्या है? राज्य में वर्तमान में भड़क रहे दंगे राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं। होशपूर्वक बनाए जा रहे हैं। कुछ लोग आग में घी डालने का काम कर रहे हैं|गृह मंत्री श्री. फडणवीस ने दिया। लेकिन मैच में कहा गया है कि उनका भाषण मूर्खता बनता जा रहा है|