कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व में भारत का एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को ब्राजील पहुंचा। यह दौरा “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारत द्वारा वैश्विक स्तर पर सीमापार आतंकवाद के खिलाफ समर्थन जुटाने और आतंकवाद के प्रति भारत के ‘जीरो टॉलरेंस’ रुख को मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल इससे पहले गुयाना, पनामा और कोलंबिया का दौरा कर चुका है और अब ब्राजील में विभिन्न उच्चस्तरीय बैठकों के बाद अपनी अंतिम मंज़िल वाशिंगटन की ओर रवाना होगा। ब्रासीलिया के हवाई अड्डे पर भारतीय मिशन के प्रभारी संदीप कुमार कुजूर ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में शशि थरूर ने कहा, “ब्राजील इस क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति है और भारत का ब्रिक्स साझेदार भी। हमें लगा कि आतंकवाद पर भारत के दृष्टिकोण को ब्राजील के नेताओं के समक्ष विस्तार से रखना और संवाद के खुले चैनल बनाए रखना बहुत ज़रूरी है।”
उन्होंने बताया कि 2006 से भारत-ब्राजील संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाया गया है और ऐसे में इस दौरे का विशेष महत्व है। थरूर ने यह भी कहा कि भले ही ब्राजील वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का सदस्य नहीं है, लेकिन उसकी वैश्विक कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए भारत को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
थरूर ने गुयाना और पनामा में हुई बैठकों का ज़िक्र करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद के इन दो सदस्यों ने भारत के रुख को “गहरी समझ और समर्थन” के साथ सुना। कोलंबिया यात्रा का हवाला देते हुए उन्होंने बताया,”हमने वहां की सरकार को एक ऐसे पूर्व बयान को सुधारने के लिए राज़ी कर लिया, जिसमें पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए भारतीय पक्ष की अनदेखी की गई थी। अब भारत के समर्थन में एक मज़बूत और संतुलित संदेश जारी किया गया है।”
ब्राजील प्रवास के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार राजदूत सेल्सो अमोरिम, विदेश मामलों की महासचिव राजदूत मारिया लौरा दा रोचा, ब्राजील सीनेट में भारत-ब्राजील मैत्री मोर्चे के प्रमुख सीनेटर नेल्सन ट्रैड और चैंबर ऑफ डेप्युटीज की विदेश और राष्ट्रीय रक्षा समिति के अध्यक्ष फिलिप बरोज से मुलाकात करेगा।
इस प्रतिनिधिमंडल में शशि थरूर के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की शांभवी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद, तेलुगु देशम पार्टी के जीएम हरीश बालयोगी, भाजपा के शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता और तेजस्वी सूर्या, शिवसेना के मिलिंद मुरली देवड़ा तथा वरिष्ठ राजनयिक तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं।
यह दौरा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमति और सहयोग बनाने की भारत की व्यापक कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है। भारत इस पहल के जरिए यह स्पष्ट संदेश दे रहा है कि आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा के लिए एक साझा चुनौती है और इसे लेकर किसी भी प्रकार की राजनीतिक चुप्पी या तटस्थता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
यह भी पढ़ें:
सत्ता से चिपके हुए हैं मोहम्मद यूनुस, पढ़ें ‘झूठे वादों’ की टाइमलाइन
सत्य नडेला ने बताई Microsoft में 6,000 कर्मचारियों की छंटनी की असली वजह!
शर्मिष्ठा पनोली के समर्थन उतरे में डच सांसद, केंद्र सरकार से मांगी मदद
UN सम्मेलन में भारत ने पाकिस्तान को लताड़ा: “आतंकवाद फैलाकर दूसरों पर दोष न मढ़े”



