भारत ने कोयला उत्पादन में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए 1 बिलियन टन का आंकड़ा पार कर लिया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश के लिए ‘गर्व का क्षण’ करार दिया और कहा कि यह ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को और मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी के एक सोशल मीडिया पोस्ट को साझा करते हुए लिखा, “भारत के लिए गर्व का क्षण! 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का ऐतिहासिक मुकाम पार करना एक शानदार उपलब्धि है। यह ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि “आधुनिक तकनीकों और कुशल खनन प्रक्रियाओं को अपनाकर उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ सतत और जिम्मेदार खनन को भी प्राथमिकता दी गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह उपलब्धि देश की बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करेगी और आर्थिक विकास को गति देगी।
भारत की यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में बिजली क्षेत्र को 906.1 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति का लक्ष्य रखा है। कोयला मंत्रालय ने संसद में इस योजना को साझा किया, जिससे घरेलू उत्पादन को प्राथमिकता देकर आयात पर निर्भरता कम करने की रणनीति को बल मिलेगा।
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 10 मार्च 2025 तक देश के कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के पास 53.49 मिलियन टन का कोयला स्टॉक था, जो पिछले साल इसी समय के 44.51 मिलियन टन स्टॉक की तुलना में 20.2 प्रतिशत अधिक है। यह दर्शाता है कि भारत ने न केवल उत्पादन बढ़ाया है, बल्कि भंडारण में भी सुधार किया है, जिससे बिजली उत्पादन को निर्बाध रूप से बनाए रखा जा सकेगा।
भारत का 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन का आंकड़ा पार करना न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह देश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को भी गति देगा। पीएम मोदी ने इस उपलब्धि का श्रेय कोयला क्षेत्र से जुड़े हर कर्मचारी की मेहनत को दिया और इसे भारत की ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूत करने वाला कदम बताया।