प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में अपने संबोधन में पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को महज 20 मिनट में ध्वस्त कर दिया।
भाजपा नेता तरुण चुघ ने प्रधानमंत्री के इस संबोधन को 140 करोड़ देशवासियों की आवाज बताया। कहा कि आज की तारीख में देशवासी नहीं चाहते हैं कि कोई भी आतंकवादी अपना फन उठाए। पाकिस्तान को हर हमले की कीमत चुकानी होगी।
साथ ही, तरुण चुघ ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को ‘बारात’ कहने पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता सेना की बहादुरी पर सवाल उठा रहे हैं और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के संबंध में विवादित टिप्पणी कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ की। बोले, अगर बाला साहेब ठाकरे जिंदा होते, तो प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाते। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया।
उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) पर हिंदुत्व की विचारधारा से समझौता किए जाने की निंदा की। कहा कि पहले जो नेता हिंदुत्व की बातें किया करते थे, अब वह पार्टी हनुमान चालीसा पढ़ने वालों को जेल भेज रही है। अब इन लोगों को आपत्ति हो रही है कि आखिर कोई कैसे हनुमान चालीसा पढ़ सकता है। अब यह पार्टी मुस्लिम लीग की विचारधारा पर चल रही है, जिसे हिंदू और हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं रह गया है।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बारे में अलग-अलग देशों में पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को ‘बारात’ कहा था। उन्होंने कहा था कि इस बारात को भेजने की कोई ज़रूरत नहीं थी।
इसके अलावा, शिवसेना (यूबीटी) के संपादकीय में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथों लिए जाने पर तरुण चुघ ने कहा, “शिवसेना की विरासत मौजूदा समय में उन लोगों के हाथों में है, जो आतंकवाद के मारे जाने पर दुख जाहिर करते हैं और वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों की मौत पर तंज कसते हैं। यह ‘सामना’ नहीं, बल्कि शर्म का दस्तावेज है।
इसके अलावा, भाजपा नेता तरुण चुघ ने झारखंड के पलामू में नक्सली कमांडर के मारे जाने पर कहा कि भारत के खिलाफ काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त लोगों को हम बिल्कुल भी नहीं बख्शेंगे। बता दें कि झारखंड के पलामू में सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोध अभियान के तहत नक्सलियों के टॉप कमांडर तुलसी भुइयां को मार गिराया है।



