ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर बुधवार (8 अक्टूबर)को अपने दो दिवसीय भारत दौरे पर मुंबई आने वाले है। उनका यह प्रधानमंत्री बनने के बाद पहला आधिकारिक भारत दौरा है। इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और दोनों देश ‘इंडिया-यूके विजन 2035’ के तहत साझेदारी को नई दिशा देने पर चर्चा करेंगे।
राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव के बावजूद दोनों नेताओं का ध्यान व्यापार समझौते पर होगा। वे अपने साथ ब्रिटेन के 100 से अधिक उद्योगपतियों और नवाचार क्षेत्र के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल लेकर आ रहें है,जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत किया जा सके।
यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर हो रही है और दोनों नेता भारत-यूके कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की प्रगति की समीक्षा करेंगे, जो ‘विजन 2035’ रोडमैप के तहत बनाई गई है। यह 10 वर्षीय रणनीतिक ढांचा जुलाई में इंडिया-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के साथ घोषित किया गया था, जिसमें साझेदारी के प्रमुख स्तंभों व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी की जुलाई में ब्रिटेन यात्रा के दौरान दोनों देशों ने ‘इंडिया-यूके विजन 2035’ को अपनाया था, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों की पूरी क्षमता को साकार करना है। यह पहल दोनों देशों के बीच निरंतर उच्च-स्तरीय राजनीतिक संवाद को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसके तहत दोनों प्रधानमंत्रियों की नियमित बैठकें तय की गई हैं, ताकि साझेदारी को रणनीतिक दिशा और निगरानी मिलती रहे। सालाना स्तर पर इसकी समीक्षा भारत के विदेश मंत्री और ब्रिटेन के विदेश सचिव द्वारा की जाएगी, जबकि समर्पित मंत्री-स्तरीय समितियाँ तकनीकी, व्यापार, निवेश और वित्तीय सहयोग जैसे क्षेत्रों में काम करेंगी।
अधिकारियों के अनुसार, इस ढांचे के माध्यम से भारत-यूके संबंधों को अधिक गतिशील, लचीला और साझा रणनीतिक हितों के अनुरूप बनाया जाएगा। स्टार्मर गुरुवार (9 अक्तूबर) को मुंबई के राजभवन में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे सीईओ फोरम और ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में भाग लेंगे, जो जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित किया जा रहा है।इस मुलाकात में दोनों नेता यूके-भारत संबंधों की समीक्षा करेंगे, जिन्हें मोदी के ब्रिटेन दौरे के दौरान पुनर्परिभाषित किया गया था। इस चर्चा का मार्गदर्शन भी ‘विजन 2035’ के सिद्धांतों पर आधारित रहेगा।
दिलचस्प बात यह है कि स्टार्मर की यह यात्रा उस समय हो रही है जब दोनों देशों की नौसेनाएँ अरब सागर में संयुक्त अभ्यास ‘एक्सरसाइज कोनकन’ कर रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रतीक है कि भारत और ब्रिटेन अब रक्षा प्रौद्योगिकी और औद्योगिक सहयोग में भी नई संभावनाएँ तलाश रहे हैं। यह दौरा नौसेना के इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन जैसे क्षेत्रों में भारत-यूके कंपनियों के बीच गहन रक्षा तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का अच्छा अवसर है।
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