भारत की अर्थव्यवस्था बीते एक दशक में तेजी से बढ़ी है, जिससे देश की जीडीपी दोगुनी हो गई है। 2015 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था रखने वाला भारत अब 2025 तक 4.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की ओर बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा वृद्धि दर को देखते हुए भारत 2025 में जापान और 2027 में जर्मनी को पीछे छोड़ सकता है।
IMF की रिपोर्ट के अनुसार, भारत इस समय दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। आर्थिक सुधारों और व्यापारिक माहौल को अनुकूल बनाने के चलते निवेशकों का भरोसा भारत पर बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिए गए नीतिगत फैसलों और सुधारों ने अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत अब एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने इस उपलब्धि को मोदी सरकार के कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी आर्थिक नीतियों का नतीजा बताया।
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आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने भारत की रणनीतियों की सराहना करते हुए कहा कि मौजूदा नीतिगत फैसले देश को 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बना सकते हैं। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि भारत को श्रम बाजार में सुधार लाने और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकें और निवेश को बढ़ावा मिले।
भारत की इस आर्थिक छलांग ने न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसकी स्थिति को और मजबूत कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत इसी गति से विकास करता रहा, तो अगले कुछ वर्षों में यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।