‘द टाइम्स ऑफ इजरायल’ के मुताबिक इजरायली सैनिकों की याद में आयोजित स्मृति समारोह में पहुंचे काट्ज ने कहा कि 7 अक्टूबर के हमले के लगभग दो साल बाद, “हमें जल्द ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इनिशिएटिव के अनुसार, हमारे सभी बंधकों, जीवित और मृत (शव), की घर वापसी की सूचना मिल सकती है। इस पहल के अंत में हमास को निरस्त्र कर दिया जाएगा। आईडीएफ नियंत्रण क्षेत्रों में रहेगा और किसी भी खतरे के विरुद्ध कार्रवाई करेगा।”
काट्ज का दावा है, “हमास की स्थिति में संभावित बदलाव का कारण इजरायल द्वारा गाजा शहर पर पड़ रहा दबाव है।”
काट्ज ने एक भाषण में कहा, “गाजा पर कब्जा करने के फैसले, बहुमंजिला इमारतों के ढहने और शहर में आईडीएफ की कार्रवाई की तीव्रता के कारण लगभग 9 लाख निवासियों को दक्षिण की ओर पलायन करना पड़ा है, जिससे हमास और उसका समर्थन करने वाले देशों पर भारी दबाव बढ़ा है।”
अगस्त के अंत में सैन्य हमले की शुरुआत से पहले, संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया था कि गाजा पट्टी के सबसे बड़े शहरी केंद्र, गाजा सिटी और उसके आसपास, लगभग दस लाख लोग रहते थे।
संयुक्त राष्ट्र ने पिछले सप्ताह कहा था कि गाजा शहर से भाग रहे लोगों के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं है, क्योंकि दक्षिणी गाजा में जिन क्षेत्रों को इजरायल ने “सुरक्षित क्षेत्र” घोषित किया है, वे “मृत्यु के स्थान” हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर इजरायल से “तुरंत बमबारी रोकने” का आह्वान किया था। इस बीच फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी वफा का दावा है कि इजरायली हमलों में रविवार सुबह छह फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
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