जगजीवन राम की कहानी एक ऐसे राजनेता की है, जिन्होंने हर कदम पर समानता और न्याय के लिए संघर्ष किया। दलित परिवार में जन्मे जगजीवन राम ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर स्वतंत्र भारत के निर्माण तक, अपने नेतृत्व, दूरदर्शिता और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण से इतिहास रचा।
जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल 1908 को बिहार के भोजपुर जिले के चंदवा गांव में एक दलित परिवार में हुआ था। उस दौर में जब जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता अपने चरम पर थी, जगजीवन राम ने शिक्षा को अपने जीवन का आधार बनाया।
जगजीवन राम ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेकर की। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय सदस्य बने और महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल हुए। उनकी संगठन क्षमता और जनता से जुड़ने की कला ने उन्हें जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
वह 1950 से 1952 तक प्रोविजनल पार्लियामेंट का हिस्सा थे। इसके बाद 1952 में हुए पहले चुनाव में बिहार की सासाराम सीट से लोकसभा चुनाव जीते और 1986 में निधन तक इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
उनका सबसे उल्लेखनीय योगदान रक्षा मंत्री के रूप में रहा, जब 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत ने ऐतिहासिक विजय प्राप्त की। इस युद्ध ने बांग्लादेश के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया और जगजीवन राम के नेतृत्व की प्रशंसा देश-विदेश में हुई।
खाद्य एवं कृषि मंत्री के रूप में जगजीवन राम ने 1960 के दशक में भारत की हरित क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए नए बीजों, उर्वरकों और आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दिया गया, जिससे देश खाद्य आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा।
साल 1977 में जगजीवन राम ने कांग्रेस छोड़कर ‘कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी’ की स्थापना की और जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया। इस गठबंधन की जीत के बाद वह मोरारजी देसाई सरकार में उपप्रधानमंत्री बने।
जगजीवन राम का सबसे बड़ा योगदान सामाजिक समानता के क्षेत्र में रहा। दलित समुदाय से होने के बावजूद उन्होंने कभी भी अपनी जातिगत पहचान को अपने कार्यों पर हावी नहीं होने दिया।
जगजीवन राम का निधन 6 जुलाई 1986 को हुआ, लेकिन उनकी विरासत आज भी जीवित है। वह एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने न केवल राजनीति में, बल्कि समाज सुधार, शिक्षा और समानता के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई। बाबूजी का जीवन हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो सामाजिक बाधाओं को पार कर अपने सपनों को साकार करना चाहता है।
