उन्होंने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से संविधान पर हमला कर रही है और अब यह पार्टी उसे राजनीति के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस पर संविधान के प्रति निष्ठा को लेकर गंभीर सवाल उठाते हुए नकवी ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान को कमजोर करने के लिए हमेशा से प्रयास किया है।
सपा सांसद रामजी लाल ने राणा सांगा को ‘गद्दार’ बताते हुए एक विवादित बयान दिया था, इस पर नकवी ने कहा कि यह बयान और राणा सांगा पर की गई टिप्पणियां केवल राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए की जा रही हैं। राणा सांगा जैसे राष्ट्रवादी नायक का अपमान करके सपा अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहती है, जो जनता के लिए अस्वीकार्य है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की इफ्तार पार्टी का कई मुस्लिम संगठनों ने बहिष्कार किया और राजद ने इसका समर्थन किया। इस पर नकवी ने कहा कि इनको लगता है कि इस तरह की हरकतों से जो सियासी सूरमा हैं, उनका जमघट जो है, वह उनके सियासी पनघट का बेड़ा पार करेगा, तो यह उनकी गलतफहमी है।
वहीं, वक्फ संशोधन बिल के विरोध पर भाजपा नेता ने कहा कि वक्फ सुधार समाज के सशक्तीकरण के लिए जरूरी है।
नकवी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि यह वही कांग्रेस पार्टी है, जिसने 1920 में अपने तत्कालीन कलकत्ता अधिवेशन में मुस्लिम लीग और जिन्ना का समर्थन किया था, जिसका परिणाम विभाजन के रूप में देश ने भुगता। उसी तरह कांग्रेस अब वक्फ एक्ट में सुधार के विरोध में खड़ी है|
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