तमिलनाडु के करूर में राजनीतिक रैली के दौरान हुई भयावह भगदड़ की घटना में 41 लोगों की मौत हुई थी, अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के सुपुर्द कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार(13 अक्तूबर) को आदेश सुनाते हुए कहा कि यह घटना राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोरने वाली है और इससे नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा है। न्यायमूर्ति जे. महेश्वरी की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि करूर में जो कुछ हुआ, उसने “राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।” अदालत ने कहा कि इस घटना की निष्पक्ष, पारदर्शी और गहन जांच जरूरी है ताकि सभी पक्षों के संदेह दूर हो सकें।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक तीन सदस्यीय पर्यवेक्षण समिति गठित की है। इस समिति की अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश अजय रस्तोगी करेंगे। इसके अलावा, इसमें दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल होंगे, जिन्हें संभव हो तो तमिलनाडु कैडर से लिया जाएगा, लेकिन वे वर्तमान में राज्य में पदस्थ नहीं होंगे। यह समिति न केवल सीबीआई जांच की निगरानी करेगी, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर इससे जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच कर सकेगी।
अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि CBI सुप्रीम कोर्ट को हर महीने अपनी जांच की प्रगति रिपोर्ट सौंपे। अदालत ने यह भी कहा कि निगरानी समिति को पूरी स्वतंत्रता होगी कि वह किसी भी अधिकारी या संस्था से जानकारी मांग सके।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ जस्टिस जे.के. महेश्वरी और एन.वी. अंजारिया ने यह सवाल उठाया कि जब इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर मदुरै बेंच पहले से सुनवाई कर रही थी, तब चेन्नई बेंच ने इस पर आदेश क्यों दिया। अदालत ने कहा कि इस तरह के समानांतर आदेश जांच की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और पी. विल्सन ने कहा कि राज्य का इस जांच में कोई हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट द्वारा गठित SIT में पहले से ही वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें सीबीआई से डेपुटेशन पर आए अधिकारी गर्ग भी शामिल हैं।
यह दर्दनाक हादसा 27 सितंबर 2025 को तमिलनाडु के करूर में हुए TVK (Tamilaga Vetri Kazhagam) की रैली के दौरान हुआ था। रैली में अचानक भगदड़ मचने से 41 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 9 बच्चे भी शामिल थे, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद तमिलनाडु सरकार पर विपक्ष ने गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए थे। वहीं, टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए राज्य की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) से जांच कराने का आदेश दिया था।
अभिनेता और टीवीके प्रमुख विजय 17 अक्टूबर को इस घटना में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने वाले हैं। प्रशासन ने इस दौरान सख्त भीड़ नियंत्रण व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो।
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