भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा ईद-उल-फितर के मौके पर 32 लाख गरीब मुस्लिम परिवारों को ‘सौगात-ए-मोदी’ किट वितरित करने पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष इसे राजनीतिक स्टंट बताते हुए भाजपा पर हमलावर है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसे ‘राजनीतिक चाल’ करार देते हुए मोदी सरकार पर मुस्लिम समुदाय को साधने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह कदम अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को छिपाने की कोशिश है, जबकि सरकार को उनके पक्ष में खड़ा होना चाहिए।
चौधरी ने बुधवार को कहा, “मोदी सरकार ईद-उल-फितर पर 32 लाख गरीब मुसलमानों को तोहफा देने की बात कर रही है, लेकिन यह महज दिखावा है। पहले प्रधानमंत्री रमजान में इफ्तार पार्टियों का आयोजन करते थे, लेकिन अब यह बंद कर दिया गया। ‘मोदी किट्स’ के नाम पर मुसलमानों को लुभाने की कोशिश हो रही है, जबकि उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न बंद कर उनके हक में ठोस कदम उठाने चाहिए।
वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर भी कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला है और इसका देशभर में विरोध हो रहा है।
उन्होंने दावा किया कि संसदीय समिति के समक्ष इसके खिलाफ पांच करोड़ प्रस्ताव पेश किए गए हैं। किसी भी बिल के लिए इतने प्रस्ताव पहले कभी नहीं आए। यह दिखाता है कि जनता इसे स्वीकार नहीं कर रही। मोदी सरकार ने इस विधेयक को पारित करने की पूरी तैयारी कर ली है, लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय इसके खिलाफ एकजुट है। यह कानून वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को खत्म करने की साजिश है। हम इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे।
ईद के अवसर पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा देश भर में सभी जरूरतमंद मुसलमानों के घरों तक ‘सौगात-ए-मोदी’ किट पहुंचाने का निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि यह गरीब मुसलमानों को ईद का तोहफा है।
महाराष्ट्र: मुंबई में बांटे गए ‘सौगात-ए-मोदी’ किट, मुस्लिम वर्ग ने सरकार को सराहा!