यानी माह भर से चल रही अटकलों पर शुक्रवार को विराम लग गया। आखिरकार ललन सिंह ने जेडीयू के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे ही दिया। गुरुवार को जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा था कि ललन सिंह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। यह सब बीजेपी की फैलाई अफवाह है। बावजूद इसके यह माना जा रहा था कि नीतीश कुमार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के अंतिम दिन उनका इस्तीफा जरूर लेंगे। इस बात का बल तब मिला जब दिल्ली में होने वाली इस बैठक के दौरान लगाए गए पोस्टर में नीतीश कुमार के अलावा किसी दूसरे नेता की तस्वीर नहीं थी। इसके साथ ही यह भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर ललन सिंह से नीतीश कुमार ने इस्तीफा क्यों लिया।
कुछ माह से ऐसी खबरें आ रही थीं कि ललन सिंह जेडीयू के लिए कम लेकिन लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के लिए ज्यादा बैटिंग कर रहे थे। इस संबंध में जेडीयू के कई नेताओं ने नीतीश कुमार से शिकायत भी की थी। इसके अलावा यह कहा जा रहा था कि इंडिया गठबंधन में ललन सिंह नीतीश कुमार के लिए माहौल नहीं बना पा रहे थे। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि जेडीयू की बागडोर अपने हाथों में लेने के बाद नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से अपने लिए लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का मोलभाव ठीक तरीके से कर पाएंगे।
बताया जा रहा है कि जेडीयू बिहार में लोकसभा की 40 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। बाकी सीटें वह गठबंधन के साथियों के लिए छोड़ना चाहती है। वहीं, सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या ललन सिंह लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे ? क्योंकि ललन सिंह ने इस्तीफा देने के दौरान कहा कि चुनाव के दौरान सक्रियता ज्यादा बढ़ने की वजह से वे इस्तीफा दे रहे है। तो क्या ललन सिंह लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे ? उनके बयान के तो यही मायने निकाले जा रहे हैं।
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