एम23 ग्रूप ने 27 जनवरी देर रात कांगो के पूर्वी हिस्से, उत्तर किवू की राजधानी गोमा में हमला करके कब्ज़ा कर लिया और अब उनका रुख दक्षिण किवू की राजधानी बुकावु की ओर है| डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो में चल रही सेना और एम23 बाग़ी संगठन के बीच की जंग भारतीय नागरिको के लिए चिंता का विषय बन गया है|कांगो में छिड़ी इस जंग ने कई मस्सों लोगो की जान ले ली है| आंकड़ों के अनुसार अब तक करीब 700 लोगो की मृत्यु हो चुकी है और कई हज़ार लोग घायल हैं|
कांगो सरकार ने यह भी बताया है की यह आंकड़े बढ़ भी सकते हैं| ऐसी परिस्थिति में भारतीय नागरिको की सुरक्षा एक गंभीर व महत्वपूर्ण मुद्दा है| भारतीय दूतावास ने सूचना जारी करते हुए सभी भारतियों से आग्रह किया है कि वे गोमा शहर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
एम23 ग्रूप ने 27 जनवरी देर रात को कांगो के पूर्वी हिस्से, उत्तर किवू की राजधानी गोमा में हमला करके कब्ज़ा कर लिया और अब उनका रुख दक्षिण किवू की राजधानी बुकावु की ओर है| इन मिलिटेंट्स का कहना है कि वे जल्द ही कोंगो देश की राजधानी किंशासा की ओर बढ़ेंगे।
देश में बिगड़ते हालातों को ध्यान में रखकर भारतीय दूतावास ने कई निर्देश जारी किया हैं| हालांकि यह भी आदेश दिया गया है कि ऐसी परिस्थितियां भी आ सकती हैं जिनमे दूतावास कोई मदद ना कर पाए|लोगो से आग्रह किया गया है कि वह अपनी ओर से भी प्रयास करे और जल्द से जल्द गोमा और आस पास के शहर से दूर सुरक्षित जगहों पर चले जाएं|
फ़ौज की नाकामी और उनकी लड़ने की अकुशलता से यह साफ़ ज़ाहिर हो जाता है कि सरकार एक बार फिर से मुश्किलों के घेरे में आ गयी है और कांगो में बढ़ती अस्थिरता अफ्रीका और बाकि देशों के लिए भी एक चिंताजनक विषय है|
भारत के लगातार प्रयासों से ज़्यादातर नागरिक सकुशल सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं और वहां की परिस्थितितयों पर लगातार नज़र रखी जा रही है| लेकिन संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फ़ोर्स में करीब 1,000 भारतीय सैनिक हैं जिनमें से 80 मेडिकल सेवा में निर्यात हैं| वे सभी पूर्वी कांगो में ही हैं और उनकी सुरक्षा चिंताजनक है| हालांकि सरकार का कहना है की सभी सैनिक वहां सुरक्षित हैं, लेकिन इस बात की पुष्टि करने का कोई विकल्प नहीं है|
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