बुधवार (18 सितंबर) को दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट की तरफ से नौकरी के बदले जमीन ‘लैंड फॉर जॉब’ इस घोटाले के मामले में आठ लोगों को समन जारी किया है। वैसे तो इस मामले में मुख्य आरोपी और सूत्रधार खुद आरजेडी नेता लालू यादव होने के राजनितिक आरोप लगते आएं है। वहीं कोर्ट ने लालू यादव समेत उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को भी समन भेजा है।
ईडी ने कोर्ट में सप्लीमन्ट्री चार्जशीट दाखिल करने के बाद कोर्ट ने माना है की इस मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबुत है। इसी के साथ कोर्ट ने आरजेडी के तीनों नेता लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को बतौर आरोपी अदालत में पेश होने का आदेश जारी किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने यह भी कहा कि बड़ी तादाद में जमीन का ट्रासंफर हुआ है और यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया है।
जानकारी के अनुसार कोर्ट ने माना है की यादव परिवार के नाम पर जमीन का ट्रांसफर हुआ है। आरोप है की लालू यादव मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे। तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले में पर्याप्त सबूत होने की बात की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर जमीन को ट्रांसफर किया जिसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई, जिसमें किरण देवी के पति भी शामिल थे।
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वहीं कोर्ट ने माना है की तेज प्रताप यादव भी लालू यादव परिवार के सदस्य हैं और मनी लॉन्ड्रिंग में इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है, साथ ही वो ‘एके इनफ़ोसिस’ के निर्देशक भी थे, इसीलिए इस घोटाले में उनकी संलिप्तता से इनकार नहीं हो सकता। बता दें, ‘लैंड फॉर जॉब घोटाले’ में तेज प्रताप यादव के नाम से पहली बार समन जारी किया गया है। लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव समेत सभी आठ आरोपितों को 7 अक्टूबर को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है। अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होनी है।