शराब नीति घोटाला: केंद्र से ईडी को केजरीवाल और सिसोदिया पर PMLA के तहत करवाई की मंजूरी

शराब नीति घोटाला: केंद्र से ईडी को केजरीवाल और सिसोदिया पर PMLA के तहत करवाई की मंजूरी

Liquor policy scam: Centre gives permission to ED to take action against Kejriwal and Sisodia under PMLA

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी मिली है। बुधवार (15 जनवरी) को शराब नीति घोटाला मामले से संबंधित कथित धन शोधन में उनकी संलिप्तता की जांच करने के लिए यह अनुमति दी गई है।

बता दें की, 11 जनवरी को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने  दिल्ली सरकार की आबकारी नीति (अब निरस्त हो चुकी) पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें सीएजी ने खुलासा कर बताया कि इस नीति के कारण सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। साथ ही इस रिपोर्ट में नीति के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण खामियों को उजागर कर कहा गया कि करदाताओं ने ही शराब नीति के कुप्रबंधन की कीमत चुकाई, जबकि आम आदमी पार्टी के नेताओं को रिश्वत का लाभ मिलने के भी आरोप हैं। 

कैग का दावा है कि आप सरकार द्वारा आबकारी नीति में कुप्रबंधन के कारण वित्तीय रूप से 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो एक गंभीर तस्वीर पेश करता है। आप द्वारा बीच नीति में सरेंडर किए गए खुदरा लाइसेंसों को फिर से टेंडर करने में विफलता के परिणाम में 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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इससे पहले भी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 2023 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में जेल भेजा था और अगस्त 2024 में उन्हें जमानत दे दी गई थी, वहीं पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को भी सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी वैध थी और CBI की ओर से कोई अवैधता नहीं थी।

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