यह राज्यव्यापी अभियान ग्रीष्म ऋतु में 30 जून तक 90 दिन से अधिक समय तक लगातार चलेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री यादव हर दिन एक छोटी-बड़ी जल संरचना का लोकार्पण करेंगे।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के इस अभियान से प्रदेश में भूजल स्तर में सुधार आएगा। पानी की बूंद-बूंद बचाएं, तभी हमारी सांसें बचेंगी। सरकार जन, जल, जंगल, जमीन और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए संकल्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जल संरक्षण अभियान देशभर में एक व्यापक जन-आंदोलन बना है। राज्य सरकार भी ‘खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में’ के सिद्धांत पर जल संरक्षण की दिशा में अभियान चला रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ में जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों का पुनर्जीवन और जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार का यह अभियान जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ प्रदेश में जल संकट को खत्म करने और भावी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में मील का पत्थर सिद्ध होगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रदेशव्यापी जल संवर्धन अभियान में जल संसाधन विभाग, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, पर्यावरण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, उद्यानिकी एवं कृषि विभागों सहित 12 से अधिक अन्य विभाग एवं प्राधिकरण मिलकर जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार के कार्य करेंगे।
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