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Wednesday, January 22, 2025
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महाकुंभ 2025: वीवीआईपी आगमन और दो अमृत स्नान पर व्यवस्था व सुरक्षा चाकचौबंद!

कुंभ स्नान के लिए आए पीएम मोदी की हरी झंडी के बाद मूल अक्षयवट, पातालपुरी और सरस्वती कूप भी लोगों के लिए खोला जा चुका है।

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प्रयागराज महाकुंभ में त्रिवेड़ी के पवित्र संगम पर उमड़ती श्रद्धालुओं की सैलाब और आगे आने वाले दो महत्वपूर्ण तिथियों और उन स्नान को लेकर व्यवस्था व सुरक्षा चाक चौबंद की गयी है| बता दें कि दो सप्ताह के दौरान वीवीआईपी आगमन और दो अमृत स्नान पर्व को देखते हुए 1542 मुख्य आरक्षियों की तैनाती महाकुंभ में की गई है। सभी मुख्य आरक्षी 22 जनवरी से पांच फरवरी तक महाकुंभ क्षेत्र में ड्यूटी करेंगे। डीजीपी मुख्यालय ने यह आदेश जारी किया है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और तीन फरवरी को बसंत पंचमी का अमृत स्नान पर्व है।

इसके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम वीवीआईपी का आगमन प्रस्तावित है। इसके चलते प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे कर्मियों की तैनाती प्रयागराज में की गई है। इन्हें सीतापुर, मुरादाबाद, उन्नाव, जालौन, गोरखपुर, मिर्जापुर, मैनपुरी, मुरादाबाद, सीतापुर, सुल्तानपुर और प्रयागराज के प्रशिक्षण केंद्रों से भेजा गया है।

इसी बैठक में मूल अक्षयवट और पातालपुरी को खोले जाने का रास्ता भी साफ हुआ था। अक्षयवट का दर्शन 450 वर्षों के अंतराल के बाद आम लोगों को हासिल हुआ है। कैबिनेट ने इसके लिए पीएम से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से बात भी की थी। कुंभ स्नान के लिए आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हरी झंडी के बाद मूल अक्षयवट, पातालपुरी और सरस्वती कूप भी लोगों के लिए खोला जा चुका है।

उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेस-वे राज्य का दर्जा दिलाने में कुंभ नगर में 2019 में हुई बैठक की बड़ी भूमिका रही है। इसी बैठक में तीन एक्सप्रेस-वे को मंजूरी दी गई थी। इसमें प्रयागराज को मेरठ से जोड़ने वाले 36,000 करोड़ रुपये की लागत वाले गंगा एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (14,716 करोड़) और 5,555 करोड़ रुपये से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर मुहर शामिल है।

कुंभ और महाकुंभ के बाद भी श्रद्धालु इन मंदिरों में दर्शन-पूजन कर सकते हैं। 2019 की बैठक में ही भरद्वाज आश्रम के विस्तार एवं सौंदर्गीकरण, श्रृंग्वेरपुर में भगवान राम से गले मिलते निषादराज की प्रतिमा लगाने, भरद्वाज आश्रम से चित्रकूट के बीच भगवान से जुड़ीं पहाड़ियों के सुंदरीकरण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई थी। आज निषादराज की प्रतिमा ही नहीं, पूरा पार्क भी विकसित हो चुका है। इसी बैठक में फौजी जवानों की वीरता की प्रतीक फिल्म उरी को टैक्स फ्री करने का फैसला भी लिया गया था।

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