आनंदराव अडसुल और राणा दंपत्ति के बीच विवाद जगजाहिर है। नवनीत राणा ने 2019 के चुनाव में अडसुल को हराया था। राज्य में सत्ता हस्तांतरण के बाद, अडसुल ने शिवसेना के पार्टी नेता के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें ठाकरे समूह से निकाल दिया गया था। उन्होंने एकनाथ शिंदे का समर्थन करने का फैसला किया। बीच के दौर में अडसुल को भेजे गए ईडी के नोटिस की भी काफी चर्चा हुई थी।
राणा दंपत्ति ने जहां भाजपा सरकार का समर्थन किया है, वहीं अडसुल एकनाथ शिंदे के पक्ष में हैं। अडसुल और राणा दंपत्ति शिंदे-फडणवीस सरकार के समर्थक हैं, लेकिन लोकसभा के लिए अभी भी दोनों के बीच मुकाबला है, अभिजीत अडसुल के भाषण की गूंज सुनाई दी है|पिछले चुनाव के तुरंत बाद अभिजीत अडसुल ने आरोप लगाया था कि आनंदराव अडसुल की हार के पीछे बीजेपी का हाथ है|
अभिजीत अडसुल ने यह भी कहा कि मतदान के दौरान भाजपा के कई नगरसेवक गायब थे। आनंद राव अडसुल ने सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र पर आपत्ति जताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी|कोर्ट ने इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया और नवनीत राणा पर दो लाख का जुर्माना लगाया|इस फैसले को राणा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, मामला फिलहाल लंबित है।
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