विधानसभा चुनाव से पहले हर्षवर्धन पाटिल राष्ट्रवादी पार्टी के शरद पवार गुट में शामिल हो गए थे। इसके तुरंत बाद पार्टी की ओर से उन्हें इंदापुर विधान सभा का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया गया|हालांकि, इंदापुर एनसीपी के कई पदाधिकारी हर्षवर्द्धन पाटिल की उम्मीदवारी की घोषणा से नाखुश हैं|
प्रवीण माने ने बगावत कर निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया है,जबकि अप्पासाहेब जगदाले ने महायुति उम्मीदवार दत्तात्रय भरणे का समर्थन करने का फैसला किया। इस बीच इन झटकों के बाद अब हर्षवर्द्धन पाटिल को एक और झटका लगा है| मयूर पाटिल ने हर्षवर्द्धन पाटिल का साथ छोड़कर प्रवीण माने को पंथीबा घोषित कर दिया है| मयूर पाटिल, हर्षवर्द्धन पाटिल के चचेरे भाई हैं।
इंदापुर में राजनीतिक वर्चस्व: इसे हर्षवर्द्धन पाटिल के साथ-साथ राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है| हर्षवर्द्धन पाटिल की उम्मीदवारी के बाद पाटिल परिवार में फूट पड़ गई है| प्रवीण माने का उनके भाई मयूर पाटिल ने समर्थन किया है| मयूर पाटिल इंदापुर कृषि उपज बाजार समिति के पूर्व अध्यक्ष हैं और माना जाता है कि इंदापुर में उनका काफी राजनीतिक प्रभाव है। उन्होंने प्रवीण माने का समर्थन किया है, मयूर पाटिल के साथ-साथ कृषि उपज बाजार समिति के पूर्व निदेशक सचिन देवकर ने भी प्रवीण माने के परिवर्तन विकास अघाड़ी का समर्थन किया है।
इस मौके पर बोलते हुए मयूर पाटिल ने हर्षवर्द्धन पाटिल पर गंभीर आरोप लगाए हैं| हर्षवर्द्धन पाटिल अपने बेटे-बेटियों को सत्ता सौंपना चाहते हैं| मेरा मानना है कि प्रबंधन सही होना चाहिए। आपने तालुक पर एक उम्मीदवार थोप दिया| भाजपा में कोई डरने वाला नहीं है| हमने राजनीतिक हित नहीं देखा, बड़े नेताओं ने हमें समय दिया था| चार साल तक मैं दुखी रहा हर्षवर्द्धन पाटिल के चचेरे भाई मयूर पाटिल ने कहा है कि मैं स्वार्थ के लिए राजनीति नहीं कर रहा हूं| इसे इंदापुर में एनसीपी शरद पवार गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है|
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