देश में 17 करोड़ मुसलमानों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है| समाज से ऐसा नेतृत्व तैयार करना होगा जो सिर्फ वोट देने वाला ही नहीं बल्कि वोट लेने वाला भी हो। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपील की कि वे महाराष्ट्र से चार मुस्लिम सांसदों को लोकसभा में भेजने का फैसला करें। अकोला शहर के गडंकी मार्ग स्थित शाह जुल्फिकार मैदान में एआईएमआईएम की ओर से आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे|
इस अवसर पर ओवैसी ने कहा, भारत में मुसलमानों को अपने वोट का सही इस्तेमाल करने की असली जरूरत है| भाजपा को रोकना सिर्फ 17 करोड़ मुसलमानों की जिम्मेदारी नहीं है|यह जिम्मेदार नागरिकों के हर समूह का है। मुसलमान राजनीति का शिकार हो रहे हैं, जबकि मुसलमानों की आबादी14 फीसदी है, लेकिन लोकसभा में पांच फीसदी सांसद भी नहीं हैं| उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय राजनीति में मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं है|
महाराष्ट्र को विधानसभा में 50-60 मुस्लिम विधायकों की जरूरत है| हालाँकि, इस बारे में सोचें कि ऐसा क्यों नहीं होता। राजनीति में सिर्फ मुस्लिम वोटों का इस्तेमाल होता है| मुसलमानों के मन में सर्वेश्वरवाद के विचार बैठा दिये गये हैं। उन्होंने इसे राजनीति में नहीं लेने की अपील की| हम पर भाजपा की ‘बी टीम’ होने का आरोप लगाया गया, लेकिन आज आरोप लगाने वाले ही भाजपा के साथ चाय पी रहे हैं।अशोक चव्हाण भाजपा में शामिल हो गए, आज कहां हैं अजित पवार?
ओवैसी ने यह भी सवाल उठाया कि आखिर भाजपा की ‘बी टीम’ कौन है? सांसद इम्तियाज जलील ने अपने भाषण में कहा कि पार्टी आगामी चुनाव पूरी तैयारी के साथ लड़ेगी| इस अवसर पर एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष सांसद इम्तियाज जलील, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ. गफ्फार कादरी, विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष शाहिद रंगूनवाले, शेख मुस्तफा, जिला अध्यक्ष सैयद मोहसिन अली और अन्य उपस्थित थे।
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