महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 : 3 सीटों को लेकर महाविकास आघाडी में घमासान जारी!

महाविकास आघाडी में सीटों के बंटवारे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है| इसको लेकर कल्याण जिला कांग्रेस में बिखराव अपने चरम पहुंच चुका है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 : 3 सीटों को लेकर महाविकास आघाडी में घमासान जारी!

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए नामांकन में मात्र 2 दिन ही शेष बचे हैं|अभी तक महाविकास आघाडी में सीटों के बंटवारे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है| इसको लेकर कल्याण जिला कांग्रेस में बिखराव अपने चरम पहुंच चुका है। यहां पर सौ से अधिक कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है कि इस चुनाव में कोकण और ठाणे जिलों से कांग्रेस को बाहर कर दिया गया है। जिला अध्यक्ष सचिन पोटे ने कहा कि पार्टी नेताओं को कल्याण-पूर्व और पश्चिम विधानसभा क्षेत्र अपने लिए लेने चाहिए।

सचिन पोटे ने कहा कि 10 वर्षों से भी अधिक से हम सब ईमानदारी से काम कर रहे हैं। हमने लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक गठबंधन धर्म का पालन किया है। विधानसभा चुनाव में कोकण और ठाणे जिलों में कांग्रेस के लिए अनुकूल माहौल होने के बावजूद पार्टी के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी। भिवंडी को छोड़कर ठाणे जिले में पंजे उखाड़ने का काम किया गया है। पोटे ने कहा कि हम जल्द ही फैसला लेंगे कि चुनाव में उद्धव गुट के उम्मीदवार के लिए काम करना है या नहीं।

बता दें कि महाविकास अघाड़ी में भिवंडी-पूर्व और पश्चिम विधानसभाओं में उम्मीदवारी को लेकर घमासान मचा हुआ है। भिवंडी-पूर्व सपा के पास है, जिसका शिवसेना (यूबीटी) ने कड़ा विरोध किया है और सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी है। इसी तरह, पश्चिम में कांग्रेस ने भिवंडी ग्रामीण के जिलाध्यक्ष दयानंद चोरघे को उम्मीदवार बनाया है। उनके नाम की घोषणा होते ही पार्टी दो खेमों में बंटती दिखाई दे रही है|

कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्थानीय नेता लोकसभा चुनाव के बाद से ही यहां मुस्लिम या किसी जनाधार वाले नेता की उम्मीदवारी की मांग कर रहे थे। पूर्व महापौर विलास पाटील और अब्दुल रशीद ताहिर मोमिन के घर के पास रातभर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। मोमिन ने कहा कि कांग्रेस के सभी नगरसेवक और पदाधिकारी इस निर्णय से नाराज हैं। 29 अक्टूबर यानि आज तक पार्टी ने सीट शेयरिंग पर विचार नहीं किया, तो कोई निर्णय लिया जाएगा। वहीं, पाटील ने कहा है कि उनका दावा बरकरार है और वह नामांकन की आखिरी शाम अगले कदम की जानकारी देंगे।

गौरतलब है कि इन सबके बीच प्रदेश कांग्रेस की महासचिव रानी अग्रवाल ने कहा कि पार्टी जो निर्णय लेगी, उसका पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर के कुछ कांग्रेसी पाटील का टिकट कटवाने के लिए दिल्ली के चक्कर लगा रहे थे। अब चोरघे को टिकट मिलने पर वही घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। दूसरी ओर चोरघे की उम्मीदवारी से शरद गुट भी नाराज है| 2019 के महापौर के चुनाव में भी कांग्रेस ने गलत फैसला लिया था, जिससे 18 नगरसेवकों ने बगावत कर दी थी।

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